2 हजार से ज्यादा विद्यार्थी एडमिशन से वंचित
दूसरी लिस्ट के इंतजार में सैंकड़ों विद्यार्थी
छात्रसंघ चुनाव हुए 5 दिन बीत गए लेकिन कॉलेज आयुक्तालय अभी तक नींद से नहीं जागा। उच्च शिक्षा विभाग की लापरवाही से प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी। जिले के सरकारी कॉलेजों में हजारों विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा।
कोटा । छात्रसंघ चुनाव हुए 5 दिन बीत गए लेकिन कॉलेज आयुक्तालय अभी तक नींद से नहीं जागा। उच्च शिक्षा विभाग की लापरवाही से प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी। जिले के सरकारी कॉलेजों में हजारों विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा। जबकि, प्रथम वरियता सूची की वेटिंग लिस्ट में शामिल विद्यार्थियों से फीस भी जमा करवा ली। इसके बावजूद न तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कार्य शुरू हुआ और न ही प्रवेश दिया जा रहा। महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य भी शुरू हो चुका है। दरअसल, छात्रसंघ चुनाव के चलते आयुक्तालय के निर्देश पर महाविद्यालयों में पहली मेरिट लिस्ट के बाद दूसरी सूची जारी नहीं की। ऐसे में 11 सरकारी कॉलेजों में 2 हजार से ज्यादा विद्यार्थी प्रथम वर्ष में दाखिला से वंचित रह गए। वहीं, जिले के सभी महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष की कुल 9 हजार 245 सीटें हैं, जिनमें से अब तक 7 हजार 127 स्टूडेंट्स को ही एडमिशन मिल सका है। ऐेसे में 2 हजार 118 छात्रों को दूसरी वरियता सूची जारी होने का इंतजार है। उच्च शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के कारण इन विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा रामपुरा गर्ल्स आर्ट्स कॉलेज में 200 सीटों में से मात्र 36 छात्राओं को ही दाखिला मिला है।
प्रथम वर्ष की पहली सूची में इतने विद्यार्थियों को मिला प्रवेश
कॉलेज प्रथम वर्ष में एडमिशन सीटें
गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज कोटा 2587 2800
गवर्नमेंट साइंस कॉलेज 711 880
जेडीबी आर्ट्स कॉलेज 673 1800
जेडीबी साइंस कॉलेज 507 700
जेडीबी कॉमर्स कॉलेज 162 640
गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज 651 1400
गवर्नमेंट संस्कृत कॉलेज 105 105
राजकीय सांगोद कॉलेज 199 200
राजकीय कनवास कॉलेज 181 200
राजकीय रामगंजमंडी कॉलेज 131 200
राजकीय इटावा कॉलेज 184 200
राजकीय रामपुरा गर्ल्स कॉलेज 36 200
कुल 7,127 9,245
रामपुरा गर्ल्स कॉलेज में 200 में से सिर्फ 36 को ही मिला दाखिला
रामपुरा गर्ल्स आटर्््स कॉलेज में एडमिशन की स्थिति सबसे खराब है। 27 जून से 13 अगस्त तक मात्र 36 छात्राओं को ही प्रथम वर्ष में दाखिला मिला है। जबकि, कुल 200 सीटें हैं। ऐसे में 164 छात्राओं को एडमिशन नहीं मिला। हालांकि इस कॉलेज का संचालन राजसेस सोसायटी की ओर से किया जा रहा है। यहां शिक्षकों की नियुक्ति भी इसी सोसायटी के माध्यम से ही की जाएगी। लेकिन, एडमिशन प्रक्रिया कॉलेज आयुक्तालय द्वारा ही प्रारंभ की जाती है।
फीस जमा करवाकर एडमिशन देना भूला आयुक्तालय
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय के अजीबो-गरीब निर्णयों के कारण जहां कॉलेज प्रशासन पेशान हैं, वहीं छात्रों में एडमिशन को लेकर असमंजस बना हुआ है। पहली वरियता सूची की वेटिंग में आए हजारों विद्यार्थियों से फीस जमा करवा ली लेकिन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की और न ही दस्तावेजों का सत्यापन करवाया। इन दिनों महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू हो चुका है। नियमित विद्यार्थियों की प्रतिदिन कक्षाएं लग रहीं हैं। ऐसे में एडमिशन के इंतजार में बैठे हजारों छात्रों को पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
महाविद्यालयों में दूसरी वरियता सूची जारी करने के लिए कॉलेज आयुक्तालय को पत्र लिखे जा चुके हैं। वहीं, प्रथम सूची की वेटिंग लिस्ट में शामिल विद्यार्थियों की फीस जमा हो गई है। अब उनके दस्तावेज सत्यापन कार्य आयुक्तालय के निर्देशानुसार करवाकर उन्हें एडमिशन का मौका दिया जाएगा।
-रघुराज सिंह परिहार, सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय
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