प्रदेश में गहराने लगा बिजली संकट, 10 बिजली उत्पादन यूनिट हो चुकी है बंद
4442 मेगावाट बिजली उत्पादन बंद हो गया है
इनसे 4442 मेगावाट बिजली उत्पादन बंद हो गया है। डिमांड और सप्लाई में 2500 मेगावाट से ज्यादा अंतर होने के कारण 10 जिलों में कटौती शुरू हो गई है।
जयपुर। प्रदेश में एक बार फिर से बिजली संकट गहराने लगा है। तकनीकी कारणों से अब 10 बिजली उत्पादन यूनिट बंद हो चुकी है। इनसे 4442 मेगावाट बिजली उत्पादन बंद हो गया है। डिमांड और सप्लाई में 2500 मेगावाट से ज्यादा अंतर होने के कारण 10 जिलों में कटौती शुरू हो गई है। संकट बरकरार रहा, तो ग्रामीण इलाकों के बाद शहरी क्षेत्रों में भी कटौती हो सकती है। सूरतगढ़ की एक सुपर क्रिटिकल 660 मेगावाट क्षमता इकाई एक-दो दिन में शुरू होने की संभावना है। प्रदेश में फिलहाल पीक आवर्स में बिजली डिमांड 14,100 मेगावाट हो गई है और उपलब्धता 11595 मेगावाट के आसपास है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड बिजली किल्लत से निपटने के लिए महंगे दामों पर खरीद कर सप्लाई करने में जुटा हुआ है। एक्सचेंज में 12 रुपए रेट पर भी पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली खरीद के लिए इस महीने 500 मेगावाट बिजली शॉर्ट टर्म टेंडरिंग कराई, लेकिन उसमें भी रेट का ज्यादा अंतर होने से 305 मेगावाट ही मिल पा रही है। निगम हर घंटे के हालात देखते हुए बिजली खरीद रहा है। आगामी कुछ दिनों में बारिश आने की संभावनाओं से तापमान घटने और डिमांड कम होने की उम्मीद है।
स्थितियां शीघ्र सामान्य होने की उम्मीद: शर्मा
विद्युत उत्पादन निगम सीएमडी राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि छबड़ा और सूरतगढ़ की दो इकाइयों में तकनीकी खांमी ठीक होने से 1320 मेगावाट बिजली बढ़ेगी। अडानी की 600-600 मेगावाट की दो यूनिट बंद होने से 1200 मेगावाट उत्पादन बंद हुआ है। कुछ यूनिट्स तकनीकी कारणों से बंद हैं, जिन्हें सही करने का प्रयास जारी है। एक-दो दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे।
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