प्रदेश में रिश्वत के 344 मामले आए सामने 

दलालों आदि के खिलाफ पंजीबद्ध किए

प्रदेश में रिश्वत के 344 मामले आए सामने 

एसीबी ने इस साल अगस्त तक 399 प्रकरणों में अनुसंधान का अंतिम परिणाम विशिष्ठ न्यायालयों में प्रस्तुत किया, जिनमें 316 मामलों में चालान पेश किया गया, जबकि 83  प्रकरणों में एफआर लगा दी गई। 

जयपुर। प्रदेश में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस वर्ष अगस्त तक पीसी एक्ट के तहत 344 प्रकरण भ्रष्ट लोकसेवकों एवं उनके सहयोगी दलालों आदि के खिलाफ पंजीबद्ध किए है। एसीबी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इनमें 316 मामले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के है और 16 प्रकरण आय से अधिक संपत्ति एवं 12 मामले पद के दुरुपयोग के शामिल है। एसीबी ने इस साल अगस्त तक 399 प्रकरणों में अनुसंधान का अंतिम परिणाम विशिष्ठ न्यायालयों में प्रस्तुत किया, जिनमें 316 मामलों में चालान पेश किया गया, जबकि 83  प्रकरणों में एफआर लगा दी गई। 
इस वर्ष अब तक 479 प्रकरणों में एसीबी मुख्यालय द्वारा निस्तारण आदेश विस्तृत विवेचना के उपरांत पारित किए गए, जिनमें 327 ट्रेप, 32 आय से अधिक संपत्ति एवं 120 मामले पद के दुरुपयोग के शामिल है। गत वर्ष 2021 में 325 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे।

इनमें 290 ट्रेप, 15 आय से अधिक संपत्ति एवं 20 पद के दुरुपयोग के शामिल है। पिछले वर्ष एसीबी मुख्यालय से 470 मामलों के निस्तारण आदेश पारित हुए, जिनमें 407 ट्रेप, 14 आय से अधिक संपत्ति एवं 49 पद के दुरुपयोग के शामिल है, जबकि 293 मामलों में अनुसंधान का अंतिम परिणाम न्यायालयों में प्रस्तुत किया गया, जिनमें 247 चालान एवं 46 एफआर शामिल है। 2020 में 187 मामले सामने आए, जिनमें 163 ट्रेप, 4 आय से अधिक संपत्ति एवं 20 पद के दुरुपयोग के शामिल है। एसीबी मुख्यालय द्वारा 130 मामलों में निस्तारण आदेश पारित किया, जिनमें 109 ट्रेप, 2 आय से अधिक संपत्ति एवं 19 पद के दुरुपयोग के है, जबकि 145 मामलों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिनमें 121 चालान एवं 24 में एफआर शामिल है। 

 

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