गवर्नर मलिक के तीखे बोल : जानवर मर जाते हैं तो शोक जताते हैं, आंदोलन में 600 किसान शहीद हो गए, किसी ने शोक नहीं जताया

गवर्नर मलिक के तीखे बोल : जानवर मर जाते हैं तो शोक जताते हैं, आंदोलन में 600 किसान शहीद हो गए, किसी ने शोक नहीं जताया

सेना में बगावत तक की बात कही, बोले, वहां भी किसानों के बेटे, कुछ भी हो सकता है, लाल किले पर झंडा फहराने को सही ठहराया, कहा: पीएम के बाद किसान को झंडा लगाने का अधिकार

 जयपुर। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार पर तीखे हमले जारी है। वे रविवार को जयपुर में थे। बिड़ला ऑडिटोरियम में तेजा फाउंडेशन के ग्लोबल जाट समिट-2021 कार्यक्रम था। इसमें वे किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर बोले। कहा कि आज तक किसान आंदोलन जैसा बड़ा आंदोलन नहीं देखा। अब तक 600 किसान आंदोलन में शहीद हो चुके हैं, लेकिन दुख की बात है कि कोई नेता उन्हें लेकर शोक नहीं जता रहा। जबकि कोई जानवर कहीं मर जाए तो उस पर भी दिल्ली से शोक जताया जाता है।


अभी महाराष्ट्र में 5-7 लोग मर गए, उन पर भी शोक संदेश जता रहे हैं। संसद में किसान वर्ग से लोग हैं, लेकिन वहां भी इस पर शोक प्रस्ताव पर कोई नहीं बोला। किसी ने कोई शोक नहीं जताया। इससे मैं आहत था, गुस्से में था। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सेना में भी किसानों के बेटे हैं। युद्ध में उन्हें ही झोंका जाता है। वहां भी आंदोलन का असर पड़ा है। उन्होंने अप्रत्यक्ष सेना में बगावत होने की बात कही, चेताया कि वहां भी कभी भी कुछ भी हो सकता है। किसानों के लाल किले पर झंडा फहराने को सहीं ठहराया।


कहा कि लाल किले पर प्रधानमंत्री के बाद झंडा फहराने का अधिकार किसानों का ही है। गुरु तेगबहादुर की गर्दन लाल किले पर ही कटी थी तो उनकी संतान को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है क्या? सिखों-जाटों के लोकगीतों में भी लाल किले जाने की बात होती रही है।

मैं पद छोड़ने को तैयार, किसानों पर जुल्म नहीं देख सकता
उन्होंने गवर्नर पद तक छोड़ने की बात तक कह दी।  कहा कि किसानों पर जुल्म हो रहा है।  हम चुपचाप बैठे रहे, यह नहीं होगा।  मैं पद छोड़ने को भी तैयार हूं।  मैं यह नहीं देख सकता।  मुझे दिल्ली में बैठे दो-तीन बड़े नेताओं ने गवर्नर बनाया है।  उनकी इच्छा विरूद्ध किसानों पर बयान दे रहा हूं।  जिस दिन वह कह देंगे,  गवर्नर पद छोड़ने में एक मिनट नहीं लगाऊंगा।


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    कारगिल में वाजपेयी सरकार की गलती बताई
मलिक ने कहा कि कारगिल के वक्त भी सरकार की गलती थी। सेना में भी किसानों के बेटे हैं। इसकी कीमत भी किसान के बच्चों ने चुकाई। अन्याय हमारे ही साथ होता है। इसमें किसी न किसी दिन लोग रिएक्ट कर जाते हैं।

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    दिल्ली में एकाध के दिमाग में धमंड
उन्होंने किसी नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन सीधा निशाना पीएम नरेन्द्र मोदी-अमित शाह पर था। कहा कि सरकार में एकाध लोग हैं, जिनके दिमाग में घमंड हैं। घमंड तो किसी का नहीं चलता। किसान दिल्ली में हारकर नहीं आएंगे। काम पूरा करके ही रहेंगे। जीतकर आएंगे।

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    कानून से पहले ही अडाणी ने गोदाम बनाए
 किसान को एमएसपी से हर फसल का कम दाम मिलता है। इस पर कानून कई लोग नहीं बनने देना चाहते। क्योंकि उनको नुकसान होता है। अडाणी ने संसद में कानून बनने से पहले ही पानीपत में गोदाम बना लिए थे। मैं लिखकर देता हूं कि एमएसपी रहेगी, इसे कानूनी अमलीजामा पहनाया ही जाएगा।


    सेन्ट्रल विस्टा पर भी सवाल लगाए
मलिक ने कहा कि हमारी सरकार नया संसद बना रही है। इससे अच्छा तो यूनिवर्सिटीज और कॉलेज बनाते। आजादी के बाद से अब तक संसद में कभी शिक्षा बजट पर कभी बहस नहीं हुई।




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