बच्चों ने बताया वह कैसा शिक्षक चाहते हैं

शिक्षक दिवस पर विद्यांजलि एकेडमी में दैनिक नवज्योति की लेखन प्रतियोगिता

बच्चों ने बताया वह कैसा शिक्षक चाहते  हैं

शिक्षक दिवस के अवसर पर दैनिक नवज्योति ने बंधा धर्मपुरा रोड़ स्थित विद्यांजलि एकेडमी के विद्यार्थियों के बीच एक लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसका विषय था ‘आपकी नजर में एक शिक्षक कैसा होना चाहिए’। इस प्रतियागिता में विद्यांजलि एकेडमी के कक्षा छह से दसवीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कोटा। शिक्षक को आज नहीं सदियों से गुरु माना जाता है। एक अच्छे शिक्षक का कर्तव्य विद्यार्थी को पढ़ाना नहीं है बल्कि पूरे समाज में ऐसे समाज का सृजन करना हैं जिससे समाज आदर्शों से प्रज्ज्वलित हो सकें। महर्षि अरविन्द ने कहा है ‘शिक्षक राष्टÑ की संस्कृति के चतुर माली हैं। वे सस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से सींचकर उन्हें शक्ति में परिवर्तित करते हैं। राष्टÑ के वास्तविक निर्माता उस देश के शिक्षक होते हैं।’ शिक्षक का दर्जा समाज  में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है। सही मायनों में कहा जाए तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है। इसलिए शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा जाता है। क्योंकि एक शिक्षक द्वारा दी गई शिक्षा ही विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास का मूल आधार है। आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षक वह पथ-प्रदर्शक होता है जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है। प्रत्येक विद्यार्थी के सफल जीवन की नींव उन्हीं के हाथों रखी जाती है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर दैनिक नवज्योति ने बंधा धर्मपुरा रोड़ स्थित विद्यांजलि एकेडमी के विद्यार्थियों के बीच एक लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसका विषय था ‘आपकी नजर में एक शिक्षक कैसा होना चाहिए’। इस प्रतियागिता में विद्यांजलि एकेडमी के कक्षा छह से दसवीं तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थी कैसा शिक्षक चाहते हैं इस विषय पर इस स्कूल के बच्चों ने अपने मनोभावों को कागज पर कलम द्वारा अभिव्यक्त किया। वे एक शिक्षक में क्या गुण देखना चाहते हैं। वे इस प्रकार हैं :

-    शिक्षक निष्पक्ष हो। नि:स्वार्थ भाव से पढ़ाए। पाठ को अच्छे से समझाए।
-    सभी विषयों का ज्ञान होना चाहिए। लेकिन जिस  भी विषय को पढ़ाता है उस विषय का पूरा ज्ञान होना चाहिए।
-       ऐसे अध्यापक चाहिए जो विद्यार्थी के मनोभावों को समझ सकें। जिनसे मन की बात कह सकें।
-    अध्यापक को कठोर होना चाहिए लेकिन इतना भी सख्त न हो कि उनके आने से पढ़ने का मन नहीं करे। जिस भी विषय    का वह अध्यापक  है वह विषय पढ़ने का मन नहीं करे।
-    अध्यापक थोड़ा हंसी-मजाक करने वाला भी होना चाहिए। जिससे पढ़ाई में और उस विषय को पढ़ने में रूचि हो।
-    टीचर साधारण स्वभाव का होना चाहिए। उसमें सादगी होनी चाहिए।
-    ज्यादा गृहकार्य टीचर को नहीं देना चाहिए इससे बच्चों के ऊपर प्रेशर पड़ता है।
-    अगर किसी बच्चे के टेस्ट में कम नंबर आए तो टीचर को बच्चे को समझाना चाहिए ना कि डांटना चाहिए।
-    टीचर को टेलेंटेड होना चाहिए। इससे बच्चों को बहुत बातें सीखने को मिलती है।
-    टीचर को धैर्यवान होना चाहिए। गुस्से पर काबू रखने वाला होना चाहिए। 
-    टीचर का व्यक्तित्व साफ-सुंदर प्रभावशाली होना चाहिए। व्यवहार में अच्छा होना चाहिए।
-    बेवजह स्टूडेंट्स को सजा नहीं देना चाहिए। कभी कभी शिष्यों का ही नहीं बल्कि शिक्षक की भी गलती 
होती है।
-    स्टूडेंटस में भेदभाव नहीं करें। टीचर के मन में ऐसा नहीं होना चाहिए कि वह बच्चा ज्यादा पढ़ता है तो उस पर ज्यादा ध्यान दें। टीचर के लिए सभी बच्चे एक समान है टीचर को पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
-    पढ़ाने का तरीका रूचिकर होना चाहिए कि खेल-खेल में स्टूडेंटस सीख जाए।
-    किसी भी स्टूडेंटस के रूप रंग का उपहास नहीं बनाएं।
-    शिक्षक का व्यक्तित्व मित्रवत और मददगार होना चाहिए
-    मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स  टीचर को क्लास में नहीं लाना चाहिए। प्रतियोगिता के परिणाम

प्रतियोगिता के परिणाम

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प्रथम पुरस्कार-  चित्रा राठौर, कक्षा-10
इस दुनिया और इस देश का प्रत्येक शिक्षक  अद्भुत हैं। वे हमें न केवल किताबी ज्ञान देते हैं बल्कि दुनिया भर का ज्ञान भी देते हैं। एक शिक्षक को छात्रों के प्रति सख्त होना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। अपने विषय को मैत्रीपूर्ण तरीके से समझाना चाहिए। पढ़ाई में छात्रों की मदद करने वाला होना चाहिए।

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द्वितीय पुरस्कार- हर्ष प्रजापति,  कक्षा- 8
शिक्षक मित्र हैं, शिक्षक माता-पिता हैं,  स्टूडेन्ट्स का भविष्य संवर सकें इसके लिए  शिक्षक वर्तमान में उन्हें तैयार करते हैं, शिक्षक ही सफलता का मार्ग है। शिक्षक, स्टूडेन्ट्स की भावना का सम्मान करने वाला हो।

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तृतीय पुरस्कार- दीक्षा जैन, कक्षा- 10
गुरुमें अनुशासन होना बहुत जरूरी है। गुरु का साथ छूटने के बाद भी उनकी कहीं बातें याद रहें ऐसा व्यक्तित्व गुरु का होना चाहिए।

सांत्वना पुरस्कार
पार्थ कछावा, कक्षा - 8
शिक्षक को मिलनसार, सख्त, प्रोत्साहित करने वाला, सुशिक्षित होना चाहिए। शिक्षक हमारे जीवन में एक किताब की तरह है, क्योंकि  दुनिया में चल रही किसी भी चीज की वह जानकारी देते है।

खनक महावर, कक्षा-7
गुरु का होना हमारी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण हैं। गुरु हमारे हर कार्य में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षक में ज्ञान, विनम्रता, बात करने का तरीका जैसे गुण मुख्य रूप से होने चाहिए।

आर्यन मालव, कक्षा - 9
टीचर चाहे सुंदर नहीं हो लेकिन उनके पढ़ाने का तरीका सुंदर होना चाहिए। सभी विद्यार्थियों को एक समान नजरिये से देखना चाहिए। विद्यार्थियों के साथ मित्रता का व्यवहार हो जिससे वह अपनी समस्याओं को उन तक लाने में संकोच नहीं करें।

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