मेंटीनेंस के अभाव में खड़ी रोडवेज की 391 बसें
रोडवेज और जेसीटीएसएल को हो रहा राजस्व का नुकसान
जयपुर। राजस्थान रोडवेज प्रशासन की अनदेखी के चलते करीब 391 बसें और जेसीटीएसएल की 26 बसें मेंटीनेंस के अभाव में डिपो व सेंट्रल वर्कशॉप में खड़ी हंै। इससे यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पा रही, वहीं रोडवेज को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। रोडवेज के पास कुल 2844 बसें हैं, इनमें से 2356 ही संचालित हो रही हैं। 320 बसें प्रदेश के डिपो में और 71 बसें सेंट्रल वर्कशॉप में मेंटीनेंस के अभाव में खड़ी हैं। वहीं करीब 758 अनुबंधित बसों में से केवल 745 ही संचालित हो रही हैं। इन बसों का मेंटीनेंस नहीं होने के चलते 3623 शेड्यूल में से केवल 2983 ही संचालित हो रही है। वहीं जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड प्रशासन की अनदेखी के चलते भी 26 बसे मेंटीनेंस और तीन बसें परिचालक की कमी के अभाव में टोडी, विद्याधर नगर और बगराना डिपो में खड़ी हैं। वहीं करीब 25-30 बसें प्रतिदिन रास्ते में ब्रेकडाउन होती है।
राजस्थान रोडवेज
प्रदेश में डिपो 52
प्रतिदिन यात्री 6.50 लाख
प्रतिदिन राजस्व करीब 4.50 करोड़ रुपए
प्रतिदिन किलोमीटर 11.50 लाख
प्रतिदिन शेड्यूल 2983 (संचालित)
जेसीटीएसएल
डिपो शेड्यूल बसें संचालित डिपो में खड़ी
विद्याधरनगर 104 92 12
बगराना 50 47 3
टोडी 101 87 11 (3 परिचालक की कमी से)
आमजन को नहीं मिल रही सुविधा
रोडवेज प्रशासन की अनदेखी के चलते आमजन को सरकारी परिवहन की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा। जबकि सरकार आमजन के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। रोडवेज प्रशासन इन बसों का मेंटीनेंस कर सड़क पर चलाए तो आमजन को राहत मिले और रोडवेज को राजस्व। जेसीटीएसएल की बसों में प्रतिदिन करीब दो लाख यात्री सफर करते हैं, इनसे 21 लाख की आय होती है।
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