कोरोना महामारी के बीच किया रेडियो स्कूल का नवाचार
गरीब तबके के बच्चों को डिजिटल रुप में पढ़ाया था शिक्षक हारुन ने
राजस्थान पंचायतीराज एवं शिक्षक संघ तालेड़ा ब्लॉक अध्यक्ष मनीष मेवाड़ा ने बताया कि 50 साल की उम्र में पढ़ाई नहीं छोड़ने का इनका जज्बा नई पीढ़ी के शिक्षकों को निरंतर पढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।
डाबी। कहते हैं कि मन में पढ़ने- लिखने की लगन हो तो उम्र भी बाधा नहीं बनती। इसी कथन को चरितार्थ कर रहे हैंं सीनियर सैकंडरी स्कूल डाबी के शिक्षक हारून रशीद पठान। इन्होंने कोविड में रेडियो स्कूल का नवाचार कर गरीब तबके के बच्चों को डिजिटल रुप में पढ़ाया था। जिसकी देशभर में प्रशंसा हुई थी। इनके द्वारा लिखित डिजिटल शिक्षा पर आधारित किताब वर्ष 2015 में प्रकाशित हुई थी जो कि डिजिटल शिक्षा पर लिखी देश की पहली पुस्तक थी।
राजस्थान पंचायतीराज एवं शिक्षक संघ तालेड़ा ब्लॉक अध्यक्ष मनीष मेवाड़ा ने बताया कि 50 साल की उम्र में पढ़ाई नहीं छोड़ने का इनका जज्बा नई पीढ़ी के शिक्षकों को निरंतर पढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है। कोविड लॉकडाउन के दौरान इन्होंने रेडियो स्कूल नामक नवाचार कर गरीब तबके के बच्चों को डिजिटल रुप में पढ़ाया था।
करियर: आठवीं कक्षा से की थी लेखन कार्य की शुरूआत
वर्ष 1986 में आठवीं कक्षा में अध्ययन के दौरान पहली बार इनके द्वारा रचित कहानी बालहंस बाल पत्रिका में ईर्ष्या के बीज शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। फिर इसके बाद इनकी स्वरचित कहानियाँ व कार्टून प्रकाशित होते रहे। शिक्षक हारून रशीद पठान के पिता ने बहुत से अखबारों में पत्रकारिता की है। अपने पिता की प्रेरणा के कारण ही शिक्षक पठान में लेखन कार्य का जुनून पैदा हुआ। इनकी शुरूआती शिक्षा बूंदी जिले के लाखेरी कस्बे में हुई। इनकी सरकारी सेवा में प्रथम नियुक्ति वर्ष 1991 में हुई थी। बीएसटीसी और बीए तथा एमए हिंदी साहित्य में किया था। साल 2010 से पढ़ाई का सिलसिला एक बार फिर शुरू किया। शिक्षा के क्षेत्र में इनके द्वारा रिसर्च एवं नवाचार किए गए। वर्ष 2015 में शिक्षा में सूचना तकनीक के उपयोग पर देश की पहली स्वरचित मैगजीन का इन्हीं के द्वारा प्रकाशित की गई। इससे पहले इन्होंने साल 2011 से डिजिटल शिक्षा आंदोलन चलाकर शिक्षा में सूचना तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिलाने के मकसद से स्वरचित लगभग 80 शोध लेख प्रकाशित कराए।
हारुन रशीद ने अलग- अलग 9 विषयों में प्रोफेशनल डिग्रियां प्रथम श्रेणी और उच्च प्रतिशतांक के साथ उत्तीर्ण की हैं। बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशंस ( बीसीए) , मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशंस ( एमसीए), मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ( एमबीए), मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन एजुकेशन मैनेजमेंट ( एमबीए) और साल 2022 में मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन 77 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। इसके अलावा मास्टर आफ आर्ट्स हिंदी साहित्य, डिप्लोमा इन पोल्ट्री मैनेजमेंट, एडवांस डिप्लोमा इन आडिटिंग मैनेजमेंट, द्विवर्षीय डिप्लोमा बीएसटीसी कोर्स भी कर रखे हैं।
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