बीमारी से तंग मरीज ने वार्ड की खिड़की तोड़कर दूसरी मंजिल से लगाई छलांग
जेएलएन अस्पताल की घटना, रातभर झाड़ियों में घायल पड़ा रहा मरीज
मरीज घायल होकर सुबह तक कंटीली झाड़ियों में ही पड़ा रहा, लेकिन सुरक्षा गार्ड को रात भर पता नहीं चला।
अजमेर। जेएलएन अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। अस्पताल के एक वार्ड में भर्ती मरीज ने रविवार देर रात वार्ड की खिड़की तोड़कर दूसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी थी। मरीज घायल होकर सुबह तक कंटीली झाड़ियों में ही पड़ा रहा, लेकिन सुरक्षा गार्ड को रात भर पता नहीं चला। सोमवार सुबह परिजन के अस्पताल पहुंचने पर ही पता चला। उसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने मामले में पुलिस को सोमवार रात तक कोई सूचना नहीं दी है।
जानकारी के अनुसार आत्महत्या का प्रयास करने वाला मरीज तोपदड़ा निवासी अरुण कुमार है। उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसकी मां कांता देवी ने उसे गत शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया था। कांता देवी का कहना है कि उनके घर में कोई अन्य पुरुष नहीं है। इसलिए रात के समय अस्पताल में अरुण के पास कोई नहीं था। ऐसे में अरुण ने अपनी बीमारी से तंग आकर आत्महत्या करने के लिए वार्ड में लगी खिड़की की जाली को तोड़ दिया और दूसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी। वह नीचे गिरने के बाद भी घायल होकर पड़ा रहा। लेकिन रातभर उसकी किसी ने भी सुध नहीं ली। यहां तक कि अस्पताल स्टाफ को उसके बारे में कुछ जानकारी भी नहीं हुई। सुबह होने पर जब कांता का अस्पताल में काम करने वाला भतीजा अरुण को देखने के लिए पहुंचा तो अरुण गायब था। जब उसने टूटी हुई खिड़की से झांक कर देखा तो वह नीचे पड़ा हुआ था। उसने तुरंत कांता को इस संबंध में फोन पर सूचना दी। जिस पर वह अन्य परिजन के साथ अस्पताल पहुंची। जहां उन्होंने देखा कि अरुण वार्ड के पीछे उग रही कटीली झाड़ियों में पड़ा था। उन्होंने लोगों की मदद से उसे झाड़ियों से बाहर निकाला। ऐसे में उसकी मां ने अरुण को अस्पताल में उपचार कराने की जगह घर ले जाना ही बेहतर समझा। खास बात यह है कि जेएलएन अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। अस्पताल प्रशासन की ओर से पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के भी दावे किए जाते हैं। लेकिन धरातल पर देखा जाए तो सुरक्षा व्यवस्था ना के बराबर है। सिर्फ आपातकालीन विभाग में ही सुरक्षा गार्ड देखे जाते हैं। अन्य स्थानों पर सुरक्षा के नाम पर लीपापोती की जा रही है। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल चरमराई हुई है और अस्पताल प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। उक्त मामले में अस्पताल प्रशासन समय रहते अगर पुलिस को सूचित करता तो पुलिस मामले में आत्महत्या के प्रयास करने का मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई करती।
Comment List