विदेशों में कोटा की बेटियां कुश्ती में लहरा चुकी परचम
कड़े अभ्यास और मेहनत से पाया सफलता का मुकाम
कुश्ती के खेल में सुविधाएं बढ़ी तो महिलाओं का रुझान भी बढ़ने लगा। इसी का परिणाम यह हुआ है कि विदेशों में भारत की महिला पहलवानों ने तेज गति से अपनी सफलता का परचम लहरा दिया।
कोटा। प्राचीन काल से चली आ रही कुश्ती में अब महिलाएं भी अपनी क्षमता के दम पर ऊंचा मुकाम हासिल कर रही है। कोटा की कई महिला खिलाड़ी देश व विदेश में हुई प्रतियोगिताओं में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुकी है। इसी के चलते अब इस खेल के प्रति महिलाओं का रुझान बढ़ने लगा है।कुश्ती का खेल पुरातन काल से चला आ रहा है। पुराने जमाने में इस खेल ेमें केवल पुरुष ही अपनी भागीदारी निभाते थे। समय का दौर बदलने के साथ ही कुश्ती में भी बदलाव हुआ और महिलाएं भी कुश्ती में जोर आजमाइश के लिए मैदान में उतर गई। । कुश्ती के खेल में सुविधाएं बढ़ी तो महिलाओं का रुझान भी बढ़ने लगा। इसी का परिणाम यह हुआ है कि विदेशों में भारत की महिला पहलवानों ने तेज गति से अपनी सफलता का परचम लहरा दिया।
इन्होंने भी नाम किया रोशन
शहर में कई अखाड़े बने हुए हैं, जहां पर नियमित रूप से खिलाड़ियों को कुश्ती का अभ्यास करवाया जाता है। उनमें प्रमुख मंगलेश्वर महादेव व्यायामशाला, देवभूमि अखाड़ा व महावीर व्यायामशाला शामिल है। देवभूमि अखाड़ा में गुरु रवि गुप्ता खिलाड़ियों को दांव पेच सिखा रहे है। कोटा की महिला खिलाड़ी मोनू गोचर, नीलमवती, अंजली मित्तल, लक्ष्मी नागर, जगनप्रीत कौर, अमृतप्रीत कौर, पूजा प्रजापति व मीना सुमन भी नेशनल प्रतियोगिताओं में भागीदारी निभा चुकी हैं।
पहला गोल्ड कोटा की रजनी के नाम
सुविधाएं व प्रोत्साहन मिलने के बाद कोटा में भी महिलाओं का रुझान कुश्ती में बढ़ता जा रहा है। अब तक कई खिलाड़ी नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर कोटा का नाम रोशन कर चुकी हैं। वर्ष 1998 में पहली बार प्रथम राष्टÑीय महिला कुश्ती प्रतियोगिता मथुरा में आयोजित की गई थी। इसमें 40 किग्रा भार वर्ग में कोटा की महिला पहलवान रजनी शर्मा ने राजस्थान के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद भी अन्य कई राष्टÑीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने पदक हासिल कर कोटा का नाम रोशन किया। वहीं कोटा की मोनिका मालव कोरिया और मीनाक्षी गर्ग जापान में भारत व कोटा का परचम लहरा चुकी हैं।
तीन बहनें हम, नहीं किसी से कम
कोटा में एक ऐसा परिवार भी है जो कुश्ती के खेल में पूरी तरह से समर्पित है। महिला खिलाड़ी रजनी शर्मा ने वर्ष 1998 में गोल्ड लाकर कुश्ती में कोटा का नाम रोशन किया था। उसके बाद उनकी बहनों ने भी कुश्ती को अपनाकर सफलता का मुकाम पाया। नेशनल प्रतियोगिता में खिलाड़ी सरिता शर्मा ने सिल्वर और बहन हेमंत शर्मा ने ब्रांज मेडल लेकर कोटा की कुश्ती को नई ऊंचाइयां दिलाई।
इनका कहना है
कुश्ती में कोटा के महिला खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन खेल से अच्छा मुकाम हासिल कर रखा है। अब तक कई खिलाड़ी अलग-अलग भार वर्गों में कोटा को पदक दिला चुकी हैं। पहली राष्टÑीय महिला कुश्ती में कोटा की महिला खिलाड़ी ने गोल्ड लाकर नाम रोशन किया था। अब महिला खिलाड़ी आगामी दिनों में होने वाली अखिल भारतीय चंबल केसरी प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं।
-हरीश शर्मा, सचिव, जिला कुश्ती संघ कोटा
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