अपेक्षा ग्रुप के चेयरमैन ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

एसआईटी ने किया गिरफ्तार

अपेक्षा ग्रुप के चेयरमैन ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

आरोपी मुरली मनोहर नामदेव तथा हरिओम सुमन पर कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने 23 अगस्त 2022 को दस हजार का इनाम घोषित किया था। आरोपी के खिलाफ कोटा शहर के अलावा अन्य पुलिस थानों में करीब 80 मुकदमे धोखाधड़ी के दर्ज हैं।

कोटा। करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में पिछले कई महीनों से फरार चल रहे इनामी आरोपी अपेक्षा ग्रुप के चेयरमैपन मुरली मनोहर नामदेव ने मंगलवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से एसआईटी ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। आरोपी चेयरमैन  मुरली मनोहर नामदेव को एसआईटी फिर से बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी। 

आरोपी मुरली मनोहर नामदेव  तथा हरिओम सुमन पर कोटा रेंज आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने 23 अगस्त 2022 को दस हजार का इनाम घोषित किया था।  आरोपी के खिलाफ कोटा शहर के अलावा अन्य पुलिस थानों में करीब 80 मुकदमे धोखाधड़ी के दर्ज हैं। आरोपी ने अपने वकील मनू शर्मा के जरिए कोर्ट में स्वयं आत्मसमर्पण किया तथा अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। आरोपी को वहां से  एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया।  इस मामले में एसआईटी पूर्व में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज चुकी है। जबकि मुख्य आरोपी चेयरमैन मुरली मनोहर नामदेव फरार चल रहा था। 

एसआईटी डिप्टी एसपी अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि फरियादी एडवोकेट जितेन्द्र सिंह हाड़ा ने आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना गुमापुरा में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया गया था कि अपेक्षा गु्रप के चेयरमैन एवं डायरेक्टरों द्वारा कई इंवेस्टरों को तीन साल में रकम दो गुनी करने के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए गए हैं। मामले में गुमानपुरा पुलिस ने गु्रप के चेयरमैन सहित 38 निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि आरोपियों ने संयुक्त रूप से लोगोंं को झांसे में लेकर अपेक्षा सुसायटी, अपेक्षा राइज प्रोजेक्ट, अपेक्षा राइज एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, अपेक्षा राइज इंवेस्टमेंट, अपेक्षा इनफरा कंपनियों में अलग-अलग तरीके से प्रलोभन देकर राशि इंवेस्ट करवाई थी। जबकि प्रार्थी ने भी इन लोगों की बातों में आकर करीब पचास लाख रुपए इंवेस्ट कर दिया था। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। अनुसंधान के दौरान पाया गया कि आरोपियों ने पिछले दस साल से कंपनी खोलकर बूंदी, झालावाड़, बारां, कोटा तथा कोटा ग्रामीण जिलोंं में सैकड़ों लोगों को अपने झांसे में लेकर इंवेस्टरों से 40, 50, 60, 10, 12 लाख रुपए अलग-अलग कंपनियों में इंवेस्ट कराए गए थे। बाद में उनकी रकम नहीं लौटाई गई। इस मामले में कुन्हाड़ी पुलिस में दर्ज दो मामलों में आरोपी योगेश गहलोत, संजय कुमार, हरिओम को गिरफ्तार किया गया था। 

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