संगठित अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर करे कार्रवाई : गहलोत

अपराधियों पर कार्रवाई के लिए गंभीर है

संगठित अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर करे कार्रवाई : गहलोत

प्रदेश में अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में संगठित अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चला कर सख्त कार्रवाई की जाए। गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस एमएल लाठर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा, महानिदेशक पुलिस इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध शाखा) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अपराध की रोकथाम और अपराधियों पर कार्रवाई के लिए गंभीर है। प्रदेश में अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पुलिस जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलाए। इससे पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा। वहीं कानून-व्यवस्था और अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ आमजन की सजगता और सतर्कता भी जरूरी है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जहां अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति लागू की गई है। जघन्य अपराधों में जल्द अनुसंधान व अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट (एचसीएमयू) का गठन क्राइम ब्रांच में किया गया है। इसी प्रकार महिला अत्याचार पर प्रभावी रोकथाम और उनसे जुड़े अपराधों पर तुरंत जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वुमेन गठित की गई है। इन नवाचारों से अनुसंधान और अपराध नियंत्रण में सहायता मिली है।  पुलिस अफसरों ने बताया कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने वाले 4500 तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई हुई हैं। इनमें 90 की गिरफ्तारी की गई है। असामजिक तत्वों के विरूद्ध 20 मई से 20 जून तक विशेष अभियान चलाकर 16 हजार 554 वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी की गई, जबकि 13 हजार 160 तत्वों को पाबंद किया गया। मादक पदार्थ की गतिविधियों की रोकथाम के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत 949 एफआईआर हुई है। अवैध खनन पर एक जनवरी 2019 से अब तक 9022 एफआईआर कर 10 हजार 876 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। इसमें वर्ष 2022 में 1509 एफआईआर दर्ज कर 1334 गिरफ्तारी की गई हैं। इनमें आदतन 1012 अपराधी चिंहित कर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन में राज्य कर्मचारियों पर हुए हमलों में 231 चालान जारी हुए है। 

 

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