विदाई से पहले 50 करोड़ बरसा गए गणाधिपति
दो साल से ठप व्यापार को मिला सम्बल
शहर में करीब 500 स्थानों पर बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना की गई। उसके अलावा घरों पर भी मूर्तियां स्थापित की गई थी। दस दिन तक गणपति की आराधना की गई। ऐसे में इस आयोजन की शुरुआत से पहले से लेकर अंत तक इससे जुड़े विभिन्न व्यापार व उद्योग को सम्बल मिला।
कोटा। कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित दस दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान कोटा में विदा होने से पहले गणपति करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक का व्गापार दे गए। जिससे कोटा के उद्योग व व्यापार को सम्बल मिला है। महाराष्ट्र के बाद कोटा में गणेशोत्सव का सबसे बड़ा आयोजन होता है। वर्ष 2019 के बाद दो साल तक कोरोना काल रहा। इस दौरान गणेशोत्सव का आयोजन भी प्रतीेकात्मक रहा। जिससे इस आयोजन से जुड़े उद्योग व व्यापार ठप से हो गए थे। कोरोना काल खत्म होने के बाद हुए इस आयोजन के प्रति लोगों में उत्साह व जोश इतना था कि इसका प्रमाण एक दिन पहले लोगों ने अनंत चतुर्दशी शोभा यात्रा के दौरान देखा भी है। दस दिन पहले 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर शहर में छोटी-बड़ी हजारों की संख्या में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की गई। शहर में करीब 500 स्थानों पर बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना की गई। उसके अलावा घरों पर भी मूर्तियां स्थापित की गई थी। दस दिन तक गणपति की आराधना की गई। ऐसे में इस आयोजन की शुरुआत से पहले से लेकर अंत तक इससे जुड़े विभिन्न व्यापार व उद्योग को सम्बल मिला।फिर चाहे गणेशजी की मूर्तियां हो या फूल माला का व्यवसाय। ढोल बाजे वालों को रोजगार हो या टेंट वालों की कमाई। प्रसाद की बिक्री हो या भंडारों का आयोजन। भजन संध्या करने वाले गायकों को रोजगार मिला हो या विसर्जन के लिए काम में आने वाले लोडिेंग वाहन व ट्रेक्टर ट्रॉली और क्रेन वालों को काम मिला। इससे कोटा में करोड़ों रुपए का व्यवसाय होने का अनुमान है।
लोगों को मिला रोजगार व सम्बल
कोटा में बड़े स्तर पर होने वाले आयोजन में हर साल हजारों की संख्या में गणेश प्रतिमाएं बनती हैं। जिनसे साल में एक बार ही मूर्तियां बनाने वालों को रोजगार मिलता है और उनकी कमाई होती है। लेकिन दो साल से यह आयोजन कम होने से कलाकार भी बेरोजगार ही बैठे हुए थे। उनकी कमाई भी नहीं हो रही थी। लेकिन जैसे ही कोरोना का ग्रहण छटा। वैसे ही लोगों के जोश व उत्साह को देखते हुए लोगों ने गणेशजी की छोटी-बड़ी हजारों मूर्तियां बनवाई। जिससे सैकड़ों कारीगरों को रोजगार तो मिला ही। मूर्तियों की संख्या बढ़ने से उनकी कमाई भी हुई। गणेश चतुर्थी से कई दिन पहले से ही मूर्तियां बिकना शुरु हो गई थी। गणेश चतुर्थी पर तो मेला लगा हुआ था। ऐसे में अधिक मूृर्तियां बिकने से उन्हें आर्थिक सम्बल मिला है। मूर्ति बनाने वालों का कहना है कि अब नवरात्र शुरू होंगे। उसके लिए देवी की स्थापना भी होगी। जिसके लिए भी अभी से मूर्तियां बुक होने लगी हैं और उन्हें बनाने का काम शुरू हो गया है।
बाजार में धन का लेनदेन बढ़ा
दो साल बाद हुए गणेशोत्सव के प्रति शहर के सभी लोगों में उत्साह जबरदस्त था। उसका प्रमाण शहर ने एक दिन पहले देखा भी है। लोगों के इसी उत्साह के चलते गणेशोत्सव से जुड़े सभी वर्ग के लोगों को रोजगार तो मिला ही है साथ ही बाजार में धन का भी लेनदेन हुआ है। जिससे सभी को फायदा हुआ है। दस दिन में कोटा में करोड़ों का व्यवसाय हुआ है। यह अच्छा संकेत है आने वाले समय के लिए।
- संजय शर्मा, अध्यक्ष गुमानपुरा व्यापार संघ
लोगों ने किया खुलकर खर्च
दस दिन का गणेशोत्सव शहर में खुशहाली व समृद्धि लेकर आया है। इस आयोजन के प्रति लोगों में काफी उत्साह था। हर वर्ग के लोगों ने खुलकर खर्चा किया। जिससे इस आयोजन से जुड़े हर वर्ग के व्यवसाय को लाभ हुआ है। छोटा-छोटा काम करने वालों को रोजगार मिला। जिससे आने वाले समय में अन्य आयोजनों को भी लाभ होगा। दो साल बाद कोटा में इस आयोजन में करोड़ों रुपए का व्यवसाय हुआ है।
-डॉ. डी.के. शर्मा, अध्यक्ष नयापुरा चौराहा व्यापार संघ
व्यापार को मिला संबल
कोरोना काल के दो साल में टेंट से लेकर अन्य सभी उद्योग व व्यापार की कमर ही टूट गई थी। अधिकतर बेरोजगार ही बैठे हुए थे। दो साल में लोगों की कमाई ही बंद सी हो गई थी। लेकिन गणेशोतसव के दौरान दस दिन तक जो आयोजन हुए उसमें लोगों ने दिल खोलकर खर्चा किया। जिससे बाजार में हर सेक्टर में लेनदेन बढ़ा। जिससे दीपावली से पहले ही इस आयोजन से करोड़ों का व्यापार हुआ है।
-जवाहर बसंल, पूर्व अध्यक्ष नयापुरा चौराहा व्यापार संघ
छोटे तबके को मिला रोजगार
गणेशोत्सव के दौरान टेंट, फूल माला,लाइट, ढोल बाजे, प्रसाद, हलवाई, वाहन, कारीगर व श्रमिक वर्ग सभी को काम मिला है। जिस तरह का आयोजन कोटा में देखने को मिला। उससे स्पष्ट है कि कोटा में अन्य सालों की तुलना में रोजगार व व्यापार बढ़ा है। दस दिन में ही करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक का रोजगार व व्यापार होने का अनुमान है। इससे दीपावली का त्योहार भी अच्छा होने का अनुमान है।
-क्रांति जैन, अध्यक्ष कोटा व्यापार महासंघ
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