आकाश में बिजली कड़की तो अलर्ट करेगी दामिनी
भारतीय मौसम विभाग ने बनाया एप
दामिनी ऐप समय से पहले ही बिजली, वज्रपात की संभावना की जानकारी देता है। इसके लिए ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान के वैज्ञानिकों ने देशभर में करीब 48 सेंसर के साथ एक लाइटनिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया है। इस नेटवर्क के आधार पर ही दामिनी ऐप को विकसित किया गया है, जो 40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने के संभावित स्थान की जानकारी देता है।
कोटा। मानसून की सक्रियता के दौरान हर साल आकाशीय बिजली गिरने से लोगों व मवेशियों की मौत हो जाती है। इससे बचाव के लिए भारतीय मौसम विभाग ने दामिनी एप बना रखा है। इस एप के माध्यम से आकाशीय बिजली के सम्बंध में आसपास के क्षेत्र को लेकर अलर्ट जारी हो जाता है। हालांकि व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव में आमजन को इसकी जानकारी नहीं है। इस कारण हर साल आकाशीय बिजली जैसी गंभीर प्राकृति आपदा के चलते कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारतीय ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे ने दामिनी ऐप विकसित किया है। दामिनी ऐप समय से पहले ही बिजली, वज्रपात की संभावना की जानकारी देता है। इसके लिए ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान के वैज्ञानिकों ने देशभर में करीब 48 सेंसर के साथ एक लाइटनिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया है। इस नेटवर्क के आधार पर ही दामिनी ऐप को विकसित किया गया है, जो 40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने के संभावित स्थान की जानकारी देता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह नेटवर्क बिजली गिरने का पूवार्नुमान बताता है। बिजली की गड़गड़ाहट के साथ ही यह वज्रपात की स्पीड भी बताता है।
यह भी बताता है ऐप
इस ऐप में नीचे काफी इंफॉर्मेटिव जानकारियां दी गई है। बिजली गिरने पर बचाव कैसे करें इस बारे में बताया गया है। सुरक्षा के उपाय के अलावा प्राथमिक चिकित्सा संबंधी जानकारी भी दी गई है। बिजली गिरने की घटना इंसानों और मवेशियों के लिए घातक होती है, इसे रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन इससे बचा जा सकता है। बिजली गिरने की स्थिति के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है। दामिनी ऐप के माध्यम से इसका पूवार्नुमान लग जाता है और ऐसे में लोगों के पास पर्याप्त समय होता है कि वे सुरक्षित जगह पर चले जाएं. यानी सतर्क होकर जानमाल की क्षति से समय रहते बचा जा सकता है।
ऐसे मिलती है जानकारी
दामिनी ऐप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद इसमें पंजीकरण करना होता है। इसके लिए अपना नाम, लोकेशन वगैरह दर्ज करना होगा। ये जानकारियां देने के साथ ही यह दामिनी ऐप काम करना शुरू कर देता है। आपके लोकेशन के 40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने की चेतावनी आॅडियो मैसेज और एसएमएस से मिलती है।
चेतावनी मिलने पर क्या करें?
अगर आपके इलाके में बिजली गिरने वाली है तो दामिनी ऐप आपको पहले ही चेतावनी देकर सावधान कर देगा. ऐसे में बिजली से बचने के लिए खुले खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास बिल्कुल न रुकें. धातुओं के बर्तन धोने से बचें। बारिश से बचें और जमीन पर जहां पानी जमा हो, वहां भी खड़े न रहें. छाते का कतई इस्तेमाल न करें. बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से दूर रहें. घर के अंदर चले जाएं। अगर कहीं बाहर हों और घर जाना संभव न हो तो खुली जगह पर ही कान बंद कर घुटनों के बल बैठ जाएं. खतरा टलने पर घर चले जाएं।
व्यापक प्रचार-प्रसार का अभाव
मौसम विभाग ने आकाशीय बिजली को लेकर अलर्ट जारी करने वाला एप तो बना लिया, लेकिन इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया। इस कारण आमजन को इस सुविधा के बारे में जानकारी नहीं है। आकाशीय बिजली गिरने की अधिकांश घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होती है। ऐसे में इस प्राकृतिक आपदा में दामिनी एप कारगर साबित हो सकता है।
मौसम विभाग ने आकाशीय बिजली को लेकर अलर्ट जारी करने से सम्बंधित दामिनी एप बना रखा है। वैज्ञानिकों ने देशभर में करीब 48 सेंसर के साथ एक लाइटनिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया है। इसी के माध्यम से दामिनी एप अलर्ट जारी करता है।
- हिमांशु कुमार, मौसम वैज्ञानिक
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