शहरी रोजगार योजना में कम दिख रहा लोगों का रूझान

काम के अनुरूप नहीं मिल रहे निगम को श्रमिक

शहरी रोजगार योजना में कम दिख रहा लोगों का रूझान

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू होने से पहले तो लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। बड़ी संख्या में शहरी परिवारों के लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किए। निगम ने उनके जॉब कार्ड भी बनाए, लेकिन योजना शुरू होने के बाद जब श्रमिकों से काम लिया गया तो हालत यह है कि निगम को काम के अनुसार श्रमिक ही नहीं मिल रहे हैं।

कोटा । प्रदेश सरकार द्वारा शहरी बेरोजगार परिवारों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू तो कर दी है, लेकिन कोटा में अभी तक इस योजना के प्रति लोगों का रूझान कम ही नजर आ रहा है। निगम को काम के अनुरूप श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश में इस योजना की शुरुआत 9 सितम्बर को हो गई जबकि कोटा में यह अगले दिन शुरू हुई। योजना के तहत नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में हर सेक्टर के हिसाब से श्रमिकों से काम लिया जा रहा है। जिसमें साफ सफाई, नाला सफाई, जल संरक्षण और सम्पति विरूपण समेत कई काम करवाए जाने हैं। योजना शुरू होने से पहले तो लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। बड़ी संख्या में शहरी परिवारों के लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किए। निगम ने उनके जॉब कार्ड भी बनाए, लेकिन योजना शुरू होने के बाद जब श्रमिकों से काम लिया गया तो हालत यह है कि निगम को काम के अनुसार श्रमिक ही नहीं मिल रहे हैं।

जॉब कार्ड बने, लेकिन काम करने नहीं आ रहे
सूत्रों के अनुसार योजना के तहत काफी अधिक संख्या में लोगों ने आवेदन किए। जिनके जॉब कार्ड भी बना दिए गए, लेकिन योजना शुरू होने के बाद जब काम कराया जा रहा है तो गिनती के ही श्रमिक काम पर आ रहे हैं। 

मजदूरी कम, काम भी सफाई का 
शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत शहरी क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर व बेरोजगार परिवारों के एक सदस्य को 100 दिन का रोजगार देना है।  प्रतिदिन 8 घंटे काम लिया जाएगा और जिसके लिए उसे न्यूनतम मजदूरी दी जाएग़ी। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा जो मजदूरी दी जा रही है। उससे अधिक में तो श्रमिकों को खुली मजदूरी मिल रही है। ऐसे में लोगों की रूचि निगम की इस योजना में कम दिख रही है। वहीं काम भी लोग अच्छा करना चाहते हैं जबकि यहां तो नाला सफाई व झाड़ झंखाड़ कटाई का है। ऐसे में कुछ लोग इस काम को करना ही नहीं चाहते। यही कारण है कि योजना को शुरू हुए तीन दिन हो गए अभी तक भी इसमें लोगों की चि नहीं दिख रही है। 

दस की जगह दो से तीन ही श्रमिक 
नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण में हर सेक्टर पर योजना के लिए काम करवाए जा रहे हैं। योजना के तहत संबंधित जमादार व सफाई निरीक्षकों के माध्यम से श्रमिकों से काम लिए जा रहे हैं, लेकिन कई जगह पर तो हालत यह है कि जहां दस-दस श्रमिकों की जरूरत है वहां मात्र दो से तीन श्रमिक ही काम कर रहे हैं।  नगर निगम कोटा उत्तर में कंसुआ शिव मंदिर में झाड़ झंखाड़ कटाई का काम किया जा रहा है। नदी पार नांता स्थित काली बस्ती के मुक्तिधाम में साफ सफाई करवाई जा रही है। पटरी पार रंगपुर पुलिया के नीचे काम कराया जा रहा है। इसी तरह से कोटा दक्षिण के क्षेत्र में भी हर सेक्टर पर काम तो हो रहे हैं, लेकिन श्रमिकों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। 

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योजना अभी शुरू हुई है। इसमें धीरे-धीरे लोगों की रूचि बढ़ेगी। सरकार की योजना के तहत बेरोजगार ने आवेदन किए। उन सभी के जॉब कार्ड बना दिए। अब जैसे ही लोग काम के लिए आएंगे तो उन्हें काम दिया जाएगा। काम तय कर लिए हैं। काम कभी भी अच्छा बुरा नहीं होता है। निगम के स्तर पर जो काम होंगे वहीं करवाए जाएंगे। योजना अच्छी है इससे बेरोजगारों को रोजगार मिलने के साथ ही आर्थिक सम्बल भी मिलेगा। जरुरतमंदों ने ही आवेदन किए हैं। 
- वासुदेव मालावत, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर 

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