कागजों में पूरी कर दी नहर, धरातल पर अधूरी
भीमनी सिंचाई परियोजना: किसानों ने नहर के निर्माण को पूरा करने की मांग की
सिंचाई विभाग द्वारा इस नहर को करीब पंद्रह सौ फीट पहले ही अधूरा छोड़ दिया गया। जबकि इसके आगे तीन किसानों के खेतों में यह नहर निकलनी थी। जिसका मुआवजा भी विभाग में किसानों को दे दिया था।
करावन। भीमनी सिंचाई परियोजना के तहत बनने वाली मुख्य नहर जो करावन के किसानों के खेतों को सरसब्ज करने वाली थी। वह नहर जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण कागजों में तो पूरी तरह तैयार कर ली गई लेकिन धरातल पर नहर का कहीं नामो निशान तक नहीं है।
यह नहर करावन के मांगीलाल पुत्र सरदार सिंह राजपूत तक बननी चाहिए थी। लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा इस नहर को करीब पंद्रह सौ फीट पहले ही अधूरा छोड़ दिया गया। जबकि इसके आगे तीन किसानों के खेतों में यह नहर निकलनी थी। जिसका मुआवजा भी विभाग में किसानों को दे दिया था। सिंचाई विभाग द्वारा नहर निर्माण के लिए अवाप्त जमीन का मुआवजा किसान मांगीलाल पुत्र सरदार सिंह, हुकम बाई पत्नी जितेन्द्र सिंह सहित एक अन्य को मुआवजा दिया गया। लेकिन प्रस्तावित नहर को नक्शे के मुताबिक नही बनाकर उसकी दिशा बदल कर बनाई गई।अब किसानों ने मांग की है कि अधूरी छोड़ी गई नहर को पूरी करने की मांग की है। इसको लेकर करावन के किसानों ने डग विधायक कालूराम मेघवाल को ज्ञापन देकर नहर के निर्माण को पूरा करने की मांग की है। किसान गोविंद सिंह पटेल,बद्रीलाल प्रजापत, गोविंद सिंह, मदनलाल माली, राधेश्याम प्रजापत, पुखराज जैन, महेंद्र सिंह, पुरसिंह व समाजसेवी शिवसिंह पड़िहार आदि ने ज्ञापन में बताया कि उक्त नहर प्रस्तावित अंतिम बिंदू तक बनाई जाती है तो इससे करीब 150 बीघा भूमि अतिरिक्त सिंचित हो सकती है।
भीमनी सिंचाई परियोजना के तहत अधूरे नहर निर्माण का मामला मेरे संज्ञान में आया है। किसानों ने इसके लिए ज्ञापन देकर मांग की है। पूरे मामले को दिखवाकर बताता हु।
- बाबूलाल महावर, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग
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