570 दिन के बाद आखिर खत्म हुआ 20000 बंदियों का इंतजार : अब शनिवार से फिर से शुरु होगी मुलाकात की प्रक्रिया

570 दिन के बाद आखिर खत्म हुआ 20000 बंदियों का इंतजार : अब शनिवार से फिर से शुरु होगी मुलाकात की प्रक्रिया

राजस्थान में कोरोना की दो लहरों के चलते बंद कर दी गई थी बंदियों और परिजनों की मुलाकात, दोनो डोज लगवा चुके परिजनों को ही मिलेगी अनुमति

जयपुर। कोरोना से राहत मिलने के बाद राजस्थान सरकार ने सभी सेक्टर को राहत दे दी लेकिन उसके बाद भी यहां की जेलों में बंद बंदियों को अपने परिजनों से रुबरू मिलने की अनुमति नहीं मिली। लेकिन अब ये अनुमति दे दी गई है और अब फिर से मुलाकात की प्रक्रिया पहले की तरह शुरु होने वाली है। शनिवार यानि कल 13 नवम्बर से यह प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी और जेलों में एक बार फिर से बंदियों और परिजनों के बीच रुबरू मुलाकात हो सकेगी।

 दरअसल साल 2020 के मार्च महीने में राजस्थान में कोरोना की पहली लहर के साथ ही जेलों में बंदियों और उनके परिजनों के बीच मुलाकात का सिस्टम बंद कर दिया गया था। इसे जब फिर से खोलने की तैयारी की गई तो दूसरी लहर आ गई और उसमें और ज्यादा परेशानी बढ़ गई। आखिर अब दूसरी लहर के लगभग खत्म होने के बाद जब स्कूल, काॅलेज, मंदिर, मेले, सावे सब पूरी क्षमता के साथ खोल दिए गए हैं तो अब जेलों से भी मुलाकात का प्रतिबंध हटा लिया गया है। इसे हटाने से बीस हजार से ज्यादा बंदियों को फायदा होगा। बंदियों को मैनेज करने वाले जेल अफसरों का कहना है कि अब बंदियों के बीच बढ़ रहा तनाव काफी हद तक कम हो जाएगा। -विक्रम सिंह, आइजी जेल, राजस्थान
 

GFX.
.  राजस्थान में बनीं 144 जेलों में रह रहे 23 हजार 833 बंदी
. सबसे ज्यादा बंदी संख्या है प्रदेश की 9 सेंट्रल जेलों में
. 9 सेंट्रल जेलों में बंद हैं दस हजार से ज्यादा बंदी
. प्रदेश में 3 स्पेशल जेल और 7 महिला बंदी जेल भी
. प्रदेश में हैं 26 जिला जेलें भीए बंद हैं 7 हजार पांच सौ से ज्यादा बंदी
. साठ उप जिला जेलें भी हैं प्रदेश में इनमें बंद हैं 4 हजार दो सौ से ज्यादा बंदी
. इनके अलावा 39 ओपन कैंप जेल भीए इनमें बंद हैं एक हजार से ज्यादा बंदी


कोरोना से पहले सप्ताह में चार दिन के लिए मुलाकात कराई जाती थी बंदियों और उनके परिजनों के बीच। अब इसी प्रक्रिया को बीना बदलाव फिर से शुरु किया गया है। मंगलवार, बुधवार, शनिवार और रविवार को मुलाकात फिर से शुरु की गई है। जेल अफसरों ने बताया कि पहले की तरह पर्ची बनाने के बाद बंदी अपने परिजनों से करीब पंद्रह मिनट तक मुुलाकात कर सकते हैं। इस बीच नियमानुसार सामान भी दिया जा सकता है। लेकिन मुलाकात उन्हीं परिजनों की कराई जाएगी जिन्होनें कोरोना की डोज ली है। -विक्रम सिंह, आइजी जेल, राजस्थान

लॉकडाउन के दौरान जेल प्रशासन की ओर से ऑनलाइन परिजनों से मुलाकात की सुविधा शुरू की गई थी। इस दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में लोग नहीं जानते थे। कई परिजनों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं होने के कारण वे अपने रिश्तेदारों से बात तक नहीं कर पाए। बहरहाल, सरकार के प्रयासों के बाद प्रदेश में कोरोना पर कंट्रोल हो गया है। कोरोना पर कंट्रोल होने के बाद शुरू होने जा रही मुलाकातों से अब प्रदेश की जेलों में बंदियों के बीच तनाव तो कम होगा ही साथ ही परिजनो से मिलकर उन्हें खुशी मिलेगी।

Post Comment

Comment List

Latest News