ऐ भाई जरा देख कर चलो...
इधर भी गड्ढ़े, उधर भी गड्ढे
स्मार्ट सिटी बनने जा रहे कोटा शहर की सड़कों की हालत पिछले करीब 6 महीने से लगातार बदहाल होती जा रही है। शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व नगर विकास न्यास के विकास कार्यों के साथ ही आरयूआईडीपी द्वारा करवाए गए सीवरेज कार्य के चलते सड़कों को इस तरह से खोदा गया था कि उन पर चलना ही मुश्किल हो गया ।
कोटा । ऐ भाई जरा देख कर चलो... आगे ही नहीं पीछे भी... दाएं ही नहीं बाएं भी... ऊपर ही नहीं नीचे भी... मेरा नाम जोकर फिल्म के इस पुराने गाने के बोल वर्तमान में शहर की सड़कों पर लागू हो रहे हैं। शहर की सड़कों की हालत इतनी अधिक खराब है कि अब वह जान तक लेने लगी हैं। पिछले दो दिन में ही दो कांस्टेबलों की मौत हो चुकी है। सड़कों की यह स्थिति है प्रदेश के तीसरे बड़े शहर और संभाग मुख्यालय कोटा की। स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री इसी शहर के हैं और सड़क निर्माण का काम करने वाले दोनों विभाग नगर निगम व नगर विकास न्यास उन्हीं के अधीन आते हैं। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे उस कोटा शहर की सड़कों की हालत पिछले करीब 6 महीने से लगातार बदहाल होती जा रही है।
शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व नगर विकास न्यास के विकास कार्यों के साथ ही आरयूआईडीपी द्वारा करवाए गए सीवरेज कार्य के चलते सड़कों को इस तरह से खोदा गया था कि उन पर चलना ही मुश्किल हो गया था। रही सही कसर बरसात ने पूरी कर दी। कोढ़ में खाज का काम करते हुए बरसात ने बची हुई सड़कों को भी इतना अधिक खराब कर दिया कि लग ही नहीं रहा कि सड़क में गड्ढ़े हो रहे हैं या गड्ढ़ों में सड़क है। सड़कों की यह स्थिति शहर की है न कि ग्रामीण क्षेत्रों की। वह भी मुख्य मार्ग और पॉश कॉलोनियों तक में इतनी अधिक खराब स्थिति है कि सड़क पर सुरक्षित चल पाना तक संभव नहीं हो पा रहा है। पिछले छह महीने से शहरवासी सड़कों का दंश झेल रहे हैं। सड़क के गड्ढ़ों और उन पर फेली गिट्टी के कारण हाल ही में कई हादसे हो चुके हैं। जिनमें दो पुलिस कर्मी समेत कई लोग जान भी गंवा चुके हैं।
मुख्य मार्ग व पॉश कॉलोनी की सड़कें तक खराब
शहर के हर मुख्य मार्ग की सड़क हो या पॉश कॉलोनी की सड़कें तक सभी की हालत इतनी अधिक खराब हो गई है कि लोगों का सड़क पर चलना ही दूभर हो गया है। दादाबाड़ी हो या तलवंडी, इंद्र विहार हो या राजीव गांधी नगर, जवाहर नगर मेन रोड हो या महावीर नगर, छावनी का क्षेत्र हो या गुमानपुरा का क्षेत्र। हर सड़क पर गड्ढ़े और गिट्टी से हादसे हो रहे हैं। सभी जगह की पॉश कॉलोनी तक के लोग इस बार खराब सड़कों के चलते परेशान हो रहे हैं। शहर में वर्तमान में सिर्फ नयापुरा क्षेत्र की ही कुछ सड़कें सही हैं।
जिम्मेदारों के बयान से लोग आहत
एक तरफ तो नगर विकास न्यास व सरकार द्वारा हर साल सड़कों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जनता की मेहनत की गाढ़ी कमाई से बनाई जा रही सड़कें एक साल व एक बरसात भी नहीं झेल पा रही हैं। वहीं जिम्मेदार विभागों के अधिकारी हर साल बरसात में सड़कें खराब होती ही हैं। यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। अधिकारियों के इस बयान से आमजन आहत है। लोगों का कहना है कि एक तरफ तो भरी बरसात में भी डिवाइडरों व चौराहों को सजाने का काम किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सड़क बनाने के लिए जिसकी लोगों को अधिक जरूरत है उसके लिए अधिकारी बरसात थमने का इंतजार करने की बात कह रहे हैं।
गुणवत्ता में कमी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं
छावनी निवासी विजेन्द्र गौतम का कहना है कि सड़क बनाते समय संबंधित विभागों के अधिकारी व इंजीनियर ठेकेदारों व श्रमिकों के भरोसे काम छोड़ देते हैं। जिससे सड़कों के बनाने में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। डामर की सड़क में गिट्टी अधिक और डामर कम मिलाने से वह कुछ ही दिन में सड़क बिखर रही है। साथ ही अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बाद भी किसी ठेकेदार या जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही उस पर जुर्माना लगाया गया।
धन का दुरुपयोग कर रहे
दादाबाडी निवासी शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि हर साल विभाग व सरकार ही वापस से सड़क बनाने पर खर्चा कर जनता के धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस बार फिर से नगर विकास न्यास के अधिकारी शहर में 495 करोड़ रुपए की लागत से नई सड़कें व पेचवर्क करवाने का दावा कर रहे हैं। जिसमें गुणवत्ता और नियमित मॉनिटरिंग की बात की जा रही है। यह काम अगले एक माह में पूरा होने का दावा भी किया जा रहा है। जिससे 6 महीने से परेशानी झेल रहे शहरवासियों को अगले एक महीने तक और परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर शहर की सड़कों का आंकलन करवाया जा चुका है। इसके लिए 495 करोड़ का बजट भी स्वीकृत हो गया है। बरसात का दौर थमने के साथ ही सड़कों की मरम्मत व बनाने का काम कुछ जगह पर शुरू हो गया है। अगले एक महीने में सभी सड़कों को सही कर दिया जाएगा।
- राजेश जोशी, सचिव, नगर विकास न्यास
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