पीएम से लेकर रेलमंत्री तक शिकायत, फिर भी कार्रवाई शून्य
आरोपी रेलवे वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर को भेजा जेल
एसीबी द्वारा कोटा मंडल में रिश्वत के मामले में कर्मचारियों को पकड़ने की 6 महीने में यह तीसरी कार्रवाई है। इससे पहले 31 मार्च को एसीबी तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल को अधीनस्थ कर्मचारी से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर चुकी है।
कोटा। न्यायालय एसीबी कोटा ने बीस हजार रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार आरोपी रेलवे के वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। आरोपी मुकेश चंद जाटव को एसीबी की स्पेशल यूनिट ने शुक्रवार देर रात को कार्रवाई करते हुए परिवाद से बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। उधर, मामले में रेलवे ठेकेदार पुनीत अरोड़ा ने ट्वीटर एकाउंट पर ट्वीट करते हुए बताया कि गत वर्ष 10 नवंबर को उसने जाटव के रिश्वत लेने की शिकायत का एक ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पश्चिम, मध्य रेलवे महाप्रबंधक एसके गुप्ता, कोटा मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा तथा सेंटर ब्यूरो सहित कई अधिकारियों को किया था। लेकिन मामले में कार्रवाई तो दूर उन्हें आज तक शिकायत का जवाब तक नहीं दिया गया। अरोड़ा ने बताया कि अगर उसकी शिकायत को गंभीरता से लिया गया होता तो रेलवे को आज यूं शर्मसार नहीं होना पड़ता। उन्होंने बताया कि ट्वीट पर लिखा था कि वह कोटा डिवीजन में पश्चिम रेलवे का ठेकेदार है ,जो कि यहां वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर मुकेश चंद जाटव हैं। जो कि पेटी ठेकेदारों से रिश्वत के रूप में उनके नाम से मोबाइल भी मंगवाता है तथा अपना मकान बनवाने के लिए रिश्वत भी लेता है। इसके खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई।
4 घंटे बाद गिरफ्तार पहला मामला
एसीबी उप-अधीक्षक धर्मवीर सिंह बताया कि उनके पास शिकायत आने के करीब 4 घंटे बाद ही जाटव को गिरफ्तार कर लिया। यह संभवत पहला मामला है जब एसीबी ने शिकायत के 4 घंटे बाद ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया हो। एसीबी को सुबह करीब 11 बजे मामले की शिकायत मिली थी। इसके तुरंत बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सत्यापन में रिश्वत लेने की पुष्टि होते ही एसीबी में दोपहर बाद करीब 3 बजे जाटव को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि मामले में कार्रवाई आधी रात के बाद तक चलती रही है।
सौगरिया में आलीशान मकान
उन्होेंने बताया कि आरोपी के सोगरिया स्थित आवास पर सर्च अभियान चलाया गया तो वहां एक 666 वर्ग गज में बना हुआ एक आलीशान मकान मिला है। मकान में देर रात तक चले सर्च अभियान के दौरान यूनियन बैंक की दो पास बुकें मिली है तथा लॉकर आदि नही मिला है। साथ ही 65 हजार रुपए नकद अलमारी में मिले हैं।
6 महीने में तीसरी कार्रवाई
एसीबी द्वारा कोटा मंडल में रिश्वत के मामले में कर्मचारियों को पकड़ने की 6 महीने में यह तीसरी कार्रवाई है। इससे पहले 31 मार्च को एसीबी तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल को अधीनस्थ कर्मचारी से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर चुकी है। अजय ने यह रिश्वत कर्मचारी की चार्जशीट माफ करने की एवज में ली थी। करीब ढाई महीने जेल में रहने के बाद अजय पाल की जमानत हो सकी थी। अजय को पिछले दिनों जबलपुर मुख्यालय में तैनात किया गया है। इसी तरह एसीबी ने रामगंजमंडी में आरपीएफ निरीक्षक और कांस्टेबल को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
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