दशहरा मेले से दो सौ करोड़ की कमाई करेगा कोटा का बाजार
दो साल बाद कारोबारियों की उम्मीदें चढ़ी परवान पर
129वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 26 सितम्बर को दुर्गा पूजा के साथ शुरू हो जाएगा जो 21 अक्टूबर तक चलेगा। दो साल बाद मेला भरने से इस बार व्यापार भी दो गुना होकर करीब 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।
कोटा। राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस बार रोजगार व व्यापार को पंख लगेंगे। कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित हो रहे मेले में करीब 200 करोड़ का व्यापार होने की संभावना है। साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। 129वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 26 सितम्बर को दुर्गा पूजा के साथ शुरू हो जाएगा जो 21 अक्टूबर तक चलेगा। करीब तीन सप्ताह तक चलने वाले इस मेले का शहर वासियों को ही नहीं देशभर के व्यापारियों को भी बेसब्री से इंतजार है। वर्ष 2019 में अंतिम बार दशहरा मेला भरा था। उसके बाद कोरोना काल के चलते दो साल तक मेला नहीं भरा। जिससे करीब एक महीने तक गुलजार रहने वाला दशहरा मैदान सूनसान पड़ा हुआ था। एक बार फिर से मेला भरने की आस जगी है। जिससे लोगों के साथ ही व्यापारियों में भी उत्साह देखा जा रहा है। मेला अवधि के दौरान पिछले सालों में जहां करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होता रहा है। वहीं दो साल बाद भरने से इस बार व्यापार भी दो गुना होकर करीब 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। इसका अंदाजा इसी से लगाजा जा सकता है कि इस बार मेले में कई ऐसे आयोजन हो रहे हैं जो काफी समय बाद होंगे। जिससे लोगों की भागीदारी के साथ ही व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी।
700 दुकानें, देशभर के व्यापारी
स्थानीय दुकानदार व व्यापारियों के अलावा देशभर से व्यापारी यहां आते हैं। इस दौरान वे अपने-अपने प्रदेश की विशेष वस्तुओं को बेचते हैं। मेले में खरीदारो का लोगों को अलग ही उत्साह रहता है। विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं को। मेले के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली व अन्य प्रदेशों तक से व्ेयापारी आते हैं।
हर काम से रोजगार
मेले में सिर्फ दुकानें लगने से दुकानदारों व व्यापारियों को ही लाभ नहीं होता है। वरन् दुकानें लगाने के दौरान होने वाले काम से रोजगार भी मिलता है। बिजली का काम होने पर उससे जुड़े लोगों को, झूले लगने पर झूला संचालकों के साथ ही श्रमिकों को भी रोजेगार मिलेगे। दुकानों पर काम करने वाले लोगों को , खाने पीने की दुकानों पर दुकान मालिक के साथ ही उसके लिए कच्चा माल लाने पर किराने का व्यापार अधिक होगा। बाहर से झूले, सर्कस व अन्य सामान मेले में आने पर परिवहन का व्यापार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगी। करीब तीन सप्ताह चलने वाले मेले में हर वर्ग के लोगों को रोजगार मिलेगा।
कलाकारों के आने से होटल व्यवसाय को लाभ
मेले में देशभर से कलाकार आते हैं। जिनमें बॉलीवुÞड अलावा कवि, शायर, गायक समेत अन्य कलाकार आते हैं। जिन्हें ठहराने के लिए होटलों की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में होटल व्यवसाय को भी लाभ होगा।
उत्साह बरकरार
मेले में कई सालो बाद सर्कस और वैष्णो देवी का अस्थायी मंदिर भी लगे रहा है। जिसके प्रति अधिकतर लोगों का रूझान रहता है। इसके अलावा झूलों का भी काफी क्रेज रहता है। नसीराबाद का कचौड़ा से लेकर गोभी के पकौड़े, काला जाम, फास्ट फूड और सोफ्टी समेत अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों के प्रति भी लोगों का रूझान अधिक रहता है। कपड़े, होजरी, खिलोने समेत कई ऐसे आइटम हैं जिन्हें मेले में ही खरीदने का उत्साह रहता है। दो साल बाद मेला भरने से खरीदारी का उत्साह अधिक होने से व्यापार बढ़ने की संभावना है।
नगर निगम का आठ करोड़ का बजट
नगर निगम की ओर से मेले के लिए इस बार करीब 8 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। जिसमें मैदान में काम करवाने के साथ ही कलाकारों व अन्य व्यवस्थाओं पर खर्चा किया जाएगा। नगर निगम द्वारा भी कार्य करवाने से उससे भी लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं निगम को भी दुकानों के आवंटना समेत अन्य व्यवस्थाओं से करीब 3 से 4 करोड़ रुपए की आय होती है।
इनका कहना है
मेले के आयोजन का सभी को दो साल से इंतजार है। कोटा का दशहरा मेला मैसूर के बाद सबसे बड़ा व अधिक दिन चलता है। ऐसे में यहां कोटा के स्थानीय व्यापारियों के साथ ही देशभर से व्यापारी आते हैं। मेला अवधि के दौरान हर छोटे से छोटे काम को करने और मेले के बाद तक के कामों के चलते व्यापारियों को तो लाभ होता ही है। साथ ही सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता है। वर्ष 2019 में मेले के दौरान करीब 100 करोड़ से अधिक का व्यापार हुआ होगा। इस बार दो साल बाद भरने से व्यापार दोगुना होने की संभावना है।
- सुनील वैष्णव, पूर्व अध्यक्ष, मेला व्यापार संघ
दशहरा मेला कोटा शहर ही नहीं पूरे देश की शान है। यह व्योपार के साथ ही रोजगार का भी बड़ा साधन है। मेले के आयोजन से लोगों का पूरे साल का काम चलता है। पिछले सालों की तुलना में इस बार मेले में दो गुना व्यापार होने की संभावना है।
- क्रांति जैन, अध्यक्ष, कोटा व्यापार महासंघ
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