अब पांच साल का होगा सीबीआई और ईडी के डायरेक्टर्स का कार्यकाल
मोदी सरकार ने जारी किया अध्यादेश
नई दिल्ली। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुखों का कार्यकाल पांच साल का होगा। मोदी सरकार ने इसे लेकर दो अध्यादेश जारी किए हैं। इनमें से एक का नाम है सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (अमेंडमेंट) आॅर्डिनेंस और दूसरे का दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टैबलिशमेंट (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस है। प्रवर्तन निदेशालय के मुखिया संजय के मिश्रा के तौर पर उनका दो साल का कार्यकाल अगले हफ्ते 17 नवंबर को खत्म होगा।
फिलहाल दो साल का होता था कार्यकाल : उल्लेखनीय है कि अभी तक दोनों केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का कार्यकाल दो साल तक के लिए तय होता है। कुछ अपवादों को छोड़कर कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें हटाया नहीं जा सकता है। मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (अमेंडमेंट) अध्यादेश के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख का कार्यकाल शुरूआती एपॉइंटमेंट से एक बार में एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, ऐसा संबंधित सेलेक्शन कमेटी के अप्रूवल पर किया जाएगा। दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद इसकी अनुशंसा की जाननी है। सीबीआई डायरेक्टर के कार्यकाल में बदलाव के लिए दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टैबलिशमेंट एक्ट, 1946 में संशोधन किया गया है। ठीक इसी तरह ईडी चीफ का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाने के लिए सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट, 2003 में संशोधन किया गया है। यह अध्यादेश ऐसे समय में आया है, जबकि कुछ ही समय में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित होने वाला है। ईडी का नेतृत्व वर्तमान में आईआरएस संजय के.मिश्रा कर रहे हैं, जबकि आईपीएस सुबोध जायसवाल मौजूदा सीबीआई प्रमुख हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अध्यादेश के अनुसार, दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद तीन साल के लिए हर साल शीर्ष एजेंसियों के प्रमुखों के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल विस्तार से जुड़े मामले में निर्णय दिया था, जिसमें अदालत ने कहा कि एक्सटेंशन (कार्यकाल विस्तार) केवल असाधारण परिस्थितियों में दिया जाना चाहिए।
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