बारिश ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी, किसानों ने सरकार से कि मुआवजे की मांग

बाजारे के दाने का कलरफैड

बारिश ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी, किसानों ने सरकार से कि मुआवजे की मांग

खेतों में फसल पूरी तरह पक कर तैयार खड़ी थी और खेतों में फसल कटाई का कार्य जारी  है। दो दिन से हो रही बरसात से बाजरे की फसल भीग गई है, यहां तक की पशुओं के चारे के काम आने वाली कड़बी भी उपयोग की नहीं रही।

रामगढ़ पचवारा। क्षेत्र में इस बार अच्छी बरसात ने रामगढ़ पचवारा। क्षेत्र में इस बार अच्छी बरसात ने बाजरा, मूंगफली, मक्का, तिल की अच्छी पैदावार को बे मौसम की बरसात ने चौपट कर दिया है। गत एक पखवाड़े से मौसम का मिजाज बदला हुआ है, क्षेत्र में गत दो दिन से बरसात का दौर जारी है, वहीं इसी दरमियान बाजरे की  फसल कटाई का कार्य जोरों पर है। दो दिन से हो रही बरसात से बाजरे की फसल भीग गई है, यहां तक की पशुओं के चारे के काम आने वाली कड़बी भी उपयोग की नहीं रही। क्षेत्र के किसानों ने सरकार से नुकसान कर सर्वे करा मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।  किसान नेता हजारी आभानेरी, पोकरमल सैनी, मोहनलाल, मुकेश रामगढ़, कन्हैयालाल, पूर्व सरपंच कैलाश प्रसाद कोलीवाड़ा सहित अन्य किसानों ने बताया कि क्षेत्र में हुई जोरदार बरसात से खेत में खडी बाजरे की फसल व कटी फसल दोनों भीग गई। खेतों में भरे पानी से बाजरे की फसल  डूब गई जिससे भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि खेतों में फसल पूरी तरह पक कर तैयार खड़ी है और खेतों में फसल कटाई का कार्य जारी  है। अगेती मूंगफली की फसल भी पक कर तैयार है, अगर मौसम साफ नहीं  हुआ तो मूंगफली की खुदाई समय पर नहीं होगी एवं दाना अंकुरित होने की संभावना से नकारा नहीं जा सकता। भीगने से बाजारे के दाने का कलरफैड होने के साथ साथ स्वाद भी खराब होगा, साथ ही बाजरे के मंडी में भी किसानों को सही दाम नहीं मिलेंगे। किसान आए दिन मौसम साफ होने की आस कर रहा है।


लालसोट। उपखंड क्षेत्र में लौटते मानसून की हुई तेज बारिश ने फसलों पर कहर ढहाया है। 24 घण्टे में रुक रुक कर बारिश का दौर जारी रहा जिससे खेतों में पानी भर गया है। खरीफ की अधिकांश फÞसले खराब हो गई हैं। खेतों में कटी पड़ी बाजरे, तिल समेत अन्य फसलें भीगकर खराब हो गई हैं, तो खड़ी फसलें गलने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। इससे किसानों की पकने को तैयार फसल आखिरी समय में खराब हो गई है। क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से ही बारिश का दौर बना हुआ है। कहीं तेज तो कहीं मध्यम गति की बारिश हुई। गौरतलब है कि इस बार रुक.रुककर बारिश का दौर बना हुआ है। तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश ने खेतों को तर.बतर कर दिया है। इससे सबसे ’यादा नुकसान खेतों में कटी पड़ी बाजरा, मक्का, तिल, उड़द, मूंग की फसल को हुआ है। बारिश में भीगने से ये पकी हुई फसलें अंकुरित हो जाएंगी।

वहीं, जो फसल अंकुरित होने से बच भी जाएगी तो उसका दाना काला पड़ने से बेदाम हो जाएगा, क्योंकि खाने में भी वह स्वादिष्ट नहीं रहेगा। क्षेत्र के लालसोट,इन्दावा, डिगो,गोल, डिडवाना सहित उपखंड क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि खेतों में बारिश का पानी भरने से फसलें खराब हो गई हैं। लालसोट कस्बे में भी दिनभर रुक.रुक तक बारिश का दौर चलता रहा। बारिश के चलते खेतों में खडी एवं कटकर पड़ी हुई फसल खराब होने से किसान मायूस से बने नजर आए। को बे मौसम की बरसात ने चौपट कर दिया है। गत एक पखवाड़े से मौसम का मिजाज बदला हुआ है, क्षेत्र में गत दो दिन से बरसात का दौर जारी है, वहीं इसी दरमियान बाजरे की  फसल कटाई का कार्य जोरों पर है। दो दिन से हो रही बरसात से बाजरे की फसल भीग गई है, यहां तक की पशुओं के चारे के काम आने वाली कड़बी भी उपयोग की नहीं रही। क्षेत्र के किसानों ने सरकार से नुकसान कर सर्वे करा मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

किसान नेता हजारी आभानेरी, पोकरमल सैनी, मोहनलाल, मुकेश रामगढ़, कन्हैयालाल, पूर्व सरपंच कैलाश प्रसाद कोलीवाड़ा सहित अन्य किसानों ने बताया कि शुक्रवार को क्षेत्र में हुई जोरदार बरसात से खेत में खडी बाजरे की फसल व कटी फसल दोनों भीग गई। खेतों में भरे पानी से बाजरे की फसल  डूब गई जिससे भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि खेतों में फसल पूरी तरह पक कर तैयार खड़ी है और खेतों में फसल कटाई का कार्य जारी  है। अगेती मूंगफली की फसल भी पक कर तैयार है, अगर मौसम साफ नहीं  हुआ तो मूंगफली की खुदाई समय पर नहीं होगी एवं दाना अंकुरित होने की संभावना से नकारा नहीं जा सकता। भीगने से बाजारे के दाने का कलरफैड होने के साथ साथ स्वाद भी खराब होगा, साथ ही बाजरे के मंडी में भी किसानों को सही दाम नहीं मिलेंगे। किसान आए दिन मौसम साफ होने की आस कर रहा है।

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लालसोट। उपखंड क्षेत्र में लौटते मानसून की हुई तेज बारिश ने फसलों पर कहर ढहाया है। 24 घण्टे में रुक रुक कर बारिश का दौर जारी रहा जिससे खेतों में पानी भर गया है। खरीफ की अधिकांश फसले खराब हो गई हैं। खेतों में कटी पड़ी बाजरे, तिल समेत अन्य फसलें भीगकर खराब हो गई हैं, तो खड़ी फसलें गलने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। इससे किसानों की पकने को तैयार फसल आखिरी समय में खराब हो गई है। क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से ही बारिश का दौर बना हुआ है। कहीं तेज तो कहीं मध्यम गति की बारिश हुई। गौरतलब है कि इस बार रुक.रुककर बारिश का दौर बना हुआ है। तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश ने खेतों को तर.बतर कर दिया है।

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इससे सबसे ’यादा नुकसान खेतों में कटी पड़ी बाजरा, मक्का, तिल, उड़द, मूंग की फसल को हुआ है। बारिश में भीगने से ये पकी हुई फसलें अंकुरित हो जाएंगी। वहीं, जो फसल अंकुरित होने से बच भी जाएगी तो उसका दाना काला पड़ने से बेदाम हो जाएगा, क्योंकि खाने में भी वह स्वादिष्ट नहीं रहेगा। क्षेत्र के लालसोट,इन्दावा, डिगो,गोल, डिडवाना सहित उपखंड क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि खेतों में बारिश का पानी भरने से फसलें खराब हो गई हैं। लालसोट कस्बे में भी दिनभर रुक.रुक तक बारिश का दौर चलता रहा। बारिश के चलते खेतों में खडी एवं कटकर पड़ी हुई फसल खराब होने से किसान मायूस से बने नजर आए।

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