रीजनल फिल्में बनाने से ज्यादा आसान एक्टिंग करना : तुषार
रीजनल सिनेमा की स्थिति, चुनौतियों व भविष्य पर चर्चा
तुषार कपूर ने कहा कि मेरे लिए फिल्म बनाना थोड़ा मुश्किल है। रीजनल फिल्मों के उत्थान के लिए राजस्थान फिल्म फेस्टिवल जैसे आयोजनों की जरूरत है।
जयपुर। एक प्रोड्यूसर के तौर पर मेरे पास भी कई रीजनल फिल्में बनाने के ऑफर आते हैं, लेकिन मेरे लिए एक्टिंग आसान है। मेरे लिए फिल्म बनाना थोड़ा मुश्किल है। रीजनल फिल्मों के उत्थान के लिए राजस्थान फिल्म फेस्टिवल जैसे आयोजनों की जरूरत है। ये कहना है बॉलीवुड एक्टर तुषार कपूर का। तुषार ने ये राजस्थान फिल्म फेस्टिवल की ओर से हुए शहर के एक पैलेस में हुए देशभर के विभिन्न रीजनल सिनेमा की स्थिति पर चर्चा के दौरान कही। कार्यक्रम में तुषार के साथ फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा, अभिनेत्री महिमा चौधरी, फिल्म क्रिटिक कोमल नाहटा भी उपस्थित थे। इन सभी ने क्षेत्रीय सिनेमा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। राजस्थान फिल्म फेस्टिवल की डायरेक्टर संजना शर्मा व प्रोग्रामिंग हेड अनिल जैन ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। कोमल नाहटा ने कहा कि कोविड काल में लोगों ने ओटीटी को काफी देखा है, जिससे उन्हें विश्वस्तरीय कंटेंट देखने को मिला। इससे कंटेंट के प्रति उनका टेस्ट बदला है और अब ऑडियंस काफी डिमांडिंग हो गई है। फिल्मों की बायकॉट गैंग पर कहा कि बायकॉट वाले सिर्फ सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। हालांकि बॉलीवुड के कुछ लोग भी इनसे जुड़े होते हैं।
सिनेमा के महत्व को इग्नोर करना मुश्किल
अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि राजस्थानी फिल्म टर्टल इस फिल्म ने भले ही पुरस्कार जीता हो, लेकिन इसे वह मंच नहीं मिला, जिसकी यह वास्तविक हकदार थी। क्लाइमेंट चेंज जैसे बड़े मुद्दे पर और बेहतरीन कंटेंट वाली इस फिल्म को बच्चों को दिखाया जाना चाहिए था। अभिनेत्री महिमा चौधरी ने कहा कि आज भले ही ओटीटी का दौर है, लेकिन सिनेमा के महत्व को इगनोर नहीं किया जा सकता, लोग किसी भी वजह से सही, लेकिन सिनेमा देखने जरूर जाएंगे। इस मौके पर डायरेक्टर अभिषेक शाह, डायरेक्टर जगदीप सिंह, तमिल फिल्म इंडस्टी से जुड़े केन करुणास और अभिनेता अभिमन्यु सिंह ने भी अपने विचार प्रकट किए।
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