जानें राज-काज में क्या है खास

ओवर कॉन्फिडेंस वाले भाई लोगों के हाव-भाव भी बदल गए हैं

जानें राज-काज में क्या है खास

सूबे में कॉन्फिडेंस एण्ड ओवर कॉन्फिडेंस को लेकर काफी खुसरफुसर है। खुसरफुसर से इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने के साथ ही सरदार पटेल मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों का दफ्तर भी अछूता नहीं है।

परेशानी गिरगिटों की
सूबे में इन दिनों गिरगिट काफी परेशान हैं। हो भी क्यों ना शुक्र और शनि को रंग बदलने वालों की संख्या तेजी से जो बढ़ गई। उनके समझने में यह नहीं आ रहा कि हाथ वाले भाई लोगों का पल-पल में रंग बदलने का माजरा क्या है। गंगाजल हाथ में लेकर साढ़े तीन साल सेएक साथ जीने और मरने की कसमें खाने वाले भाई लोगों ने कयास मात्र से ही सुर बदल कर वफादारी दिखाने की होड़ मचा रखी है। अब बेचारे गिरगिटों को कौन समझाए कि ये नेता हैं, जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए गले लगाते हैं, वरना तो सगे संबंधियों तक पहचानने से मना करने में न आगा सोचते हैं और न ही पीछा। अभी तो नवरात्रों में इनका रंग बदलने की स्पीड डेली कई गुणा बढ़ेगी।

चर्चा में बाउंसर
सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर इन दिनों बाउंसर काफी चर्चा में हैं। चर्चा होना भी जालमी है, चूंकि ठिकाने के पहले माले पर रहने वाले बनारसी भाईसाहब से मुलाकात करने से पहले इन बाउंसरों के बीच से गुजरना जो पड़ता है। कुछ दिनों पहले तक चन्द्रमा के हमनाम भाईसाहब से मिलने के लिए दरवाजे खुले थे। राज का काज करने वाले भाई लोग लंच केबिनों में बतियाते हैं कि जब से खंडार वाले भाईसाहब ने यूपी वाले भैया से ऊंची आवाज में बात की, तभी से चन्दूजी के मूड का जायका बिगड़ा हुआ है। वैसे तो वेस्ट यूपी में घाट-घाट का पानी पी चुके भाईसाहब ने विधायक का तमगा ले चुके युवा नेता को हिदायत दे दी, लेकिन आगे के चन्द्रमा को देख भाईसाहब ने सिक्यूरिटी बढ़ाने में ही अपनी भलाई समझी। 

कॉन्फिडेंस एण्ड ओवर कॉन्फिडेंस
सूबे में कॉन्फिडेंस एण्ड ओवर कॉन्फिडेंस को लेकर काफी खुसरफुसर है। खुसरफुसर से इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने के साथ ही सरदार पटेल मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों का दफ्तर भी अछूता नहीं है। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में बतियाए बिना नहीं रहते। खुसरफुसर है कि हाथ वाले भाई लोगों के एक खेमा कॉन्फिडेंस में है, तो दूसरा गुट ओवर कॉन्फिडेंस में है। ओवर कॉन्फिडेंस वाले भाई लोगों के हाव-भाव भी बदल गए हैं। अब उनको समझाए कि पॉलिटिक्स में सामने कुछ नजर आता है, होता कुछ है, दिखता कुछ है और हाथ वालों का यही हाल है। समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी हैं।

(यह लेखक के अपने विचार हैं)

Tags: Politics

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