देश में गर्भाशय के मुख के कैंसर से हर साल 77 हजार महिलाओं की मौत: आचार्य
एक लाख 24 हजार महिलाएं गर्भाशय के मुख कैंसर से पीड़ित है
डॉ. आचार्य ने बताया कि भारत में पिछले एक दशक में महिलाओं के गर्भाशय के कैंसर में कोई कमी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का यौन जनित संक्रमण से होने वाले गर्भाशय के मुख कैंसर का टीका 2008 से उपलब्ध है।
जयपुर। देश में हर साल गर्भाशय के मुख के कैंसर से 77 हजार महिलाओं की मौत चुकी और एक लाख 24 हजार महिलाएं गर्भाशय के मुख कैंसर से पीड़ित है। यह जानकारी सोमवार को राजस्थान अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. वीणा आचार्य ने नेशनल रिप्रोडेक्टिव चाइल्ड हेल्थ ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली में हुए विश्व स्तरीय सम्मेलन में दी।
डॉ. आचार्य ने बताया कि भारत में पिछले एक दशक में महिलाओं के गर्भाशय के कैंसर में कोई कमी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का यौन जनित संक्रमण से होने वाले गर्भाशय के मुख कैंसर का टीका 2008 से उपलब्ध है। जिसे किशोरावस्था में 9 वर्ष से 15 वर्ष की आयु में लगवाने से प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हो सकती है। हर महिला को 35 व 45 वर्ष पर अपनी बच्चे दानी के मुंह की जांच जरूर करवानी चाहिए। नारची की ओर से इस व्याख्यान के लिए डॉ. आचार्य को एसएन मुखर्जी ओरेशन प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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