शिक्षक संघों के जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन संपन्न

राजस्थान शिक्षक कांग्रेस का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित

शिक्षक संघों के जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन संपन्न

मांग पत्र में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानान्तरण अविलम्ब किए जाने, 20 वर्ष की सेवा के बाद कर्मचारी को 50 प्रतिशत पेंशन देने, सेवानिवृत आयु 60 से 62 वर्ष किए जाने, 30 जून को सेवानिवृत शिक्षकों को 1 जुलाई को मिलने वाले एग्रीमेंट को दिलाए जाने, समायोजित शिक्षाकार्मियों को भी राजकीय सेवा के समस्त लाभ परिलाभ दिये जाने की मांग की गई।

भरतपुर। राजस्थान शिक्षक कांग्रेस का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन रूक्टा के महामंत्री डॉ बनयसिंह एवं को-ऑडिनेटर आरजीएचसी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। अध्यक्षता राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के जिलाध्यक्ष संतोष फौजदार ने की। राजस्थान शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लालसिंह फौजदार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के स्थानान्तरण अविलम्ब किए जाने, 20 वर्ष की सेवा के बाद कर्मचारी को 50 प्रतिशत पेंशन देने, सेवानिवृत आयु 60 से 62 वर्ष किए जाने, 30 जून को सेवानिवृत शिक्षकों को 1 जुलाई को मिलने वाले एग्रीमेंट को दिलाए जाने, समायोजित शिक्षाकार्मियों को भी राजकीय सेवा के समस्त लाभ परिलाभ दिये जाने की मांग की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. बनय सिंह ने शिक्षा और शिक्षक की भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला कि शिक्षा से चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण किया जा रहा है। शिक्षकों की समाज में महती भूमिका है। शिक्षकों को समाज में भाईचारा और मेल-जोल बढ़ाते हुए सामाजिक समस्याओं का निराकरण करने में भी महती भूमिका निभानी चाहिए। राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन मंगलवार को राजकीय उ च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय मेंहदीबाग में आयोजित किया गया। जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता अनिल भारद्वाज ने की जबकि मुख्य अतिथि पीसीसी सदस्य धर्मेन्द्र शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पार्षद रामेश्वर सैनी एवं इन्दुशेखर शर्मा उपस्थित थे।  जिला स्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा में नैतिकता का जुड़ाव हो एवं शिक्षा संस्कारयुक्त होनी चाहिए। उन्होंने वर्तमान समय में चल रहे शिक्षा के व्यवसायिकरण एवं राजनीतिकरण को समाप्त करने पर जोर दिया। सम्मेलन में उपस्थित केशरीसिंह, सतवीर सिंह, गोपाल सैनी ने संस्कृत शिक्षा से सम्बंधित आ रही समस्याओं पर ध्यान दिलाया। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन खिरनी घाट स्थित खण्डेलवाल धर्मशाला में आयोजित किया गया।मुख्य अतिथि राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आरके शर्मा रहे। विशिष्ट अतिथियों में समसा के एडीपीसी अनित शर्मा, पूर्व संयुक्त निदेशक इन्द्रा सिंह त्यागी, पूर्व संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग रिपूसुदन सिंह, संगठन के प्रधानाचार्य प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष एलपी सिंह रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो. अशोक गुप्ता एमएसजे कालेज रहे। 

वक्ताओं ने शिक्षकों की वर्तमान समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन मधुवन गार्डन मैरिज होम में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमसिंह थे। विशिष्ट अतिथि एसीबीइओ सेवर रामवीर सिंह, एडीओ विशाल चौधरी, एसीबीइओ नदबई सुरेश भातरा थे। मुख्य अतिथि प्रेम सिंह कुन्तल ने शिक्षकों से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण करवाने तथा अपने कर्तव्य का निर्वहन करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि रामवीर सिंह, विशाल चौधरी तथा सुरेश भातरा ने नामांकन वृद्धि, भामाशाहों को विद्यालय से जोड़ना, एसएमसी तथा एसडीएमसी की ओर से विद्यालय विकास तथा प्रभावी शिक्षण एवं सरकारी योजनाओं की पालना सुनिश्चित करने आदि बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद  (रेसा) का जिला स्तरीय अधिवेशन डाइट भरतपुर के सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता यादराम सिंह ने की। मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक साहब सिंह वर्मा ने विद्यालय रिकॉर्ड अपडेशन विषय पर विचार व्यक्त किए। 

राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के दो दिवसीय जिला  शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन सत्र श्री हिंदी साहित्य समिति के सभागार में पंडित रामकिशन के मुख्य आतिथ्य एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य धर्मेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर कर्नल ओमवीर सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य प्रमोद तिवाड़ी, अतिरिक्त जिला परियोजना समसा अनित शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक विद्यालय आरडी बंसल, मुख्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सेवर दलवीर सिंह, अतिरिक्त ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुनील अग्रवाल एवं प्रधानाचार्य दिनेश चन्द उपाध्याय मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में पंडित रामकिशन ने कहा कि शिक्षक को भ्रष्टाचार से मुकाबला करने के लिए हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा, लेकिन हमें सम्मेलन में अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखना चाहिए। 

Tags: teachers

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