ग्रामीण क्षेत्रों में डीएपी खाद की किल्लत से सरसों की बुवाई प्रभावित
च्छी बारिश के बाद किसान रबी सीजन की बुवाई जुटे
सरसों की बुवाई के लिए खाद बीज डीलरों के पास डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है जिसके कारण उनकी सरसों की फसल की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है, इसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा उनकी बुवाई का कार्य प्रभावित हो रहा है, परंतु कृषि विभाग के द्वारा खाद आपूर्ति के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।
नांगलशेरपुर। पिछले दिनों क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश के बाद किसान रबी सीजन में सरसों की फसल की बुवाई की तैयारियों में जुटे हैं, परंतु डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरसों की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है। श्रीमन गुर्जर, मेघराम, रामावतार सहित कई किसानों ने बताया कि सरसों की बुवाई के लिए खाद बीज डीलरों के पास डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है जिसके कारण उनकी सरसों की फसल की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है, इसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा उनकी बुवाई का कार्य प्रभावित हो रहा है, परंतु कृषि विभाग के द्वारा खाद आपूर्ति के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।
जानकारों की मानें तो पिछले दिनों क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश से किसानों द्वारा सरसों बुवाई बिना सिंचाई के ही होना संभव हुआ है। इस वजह से सरसों का बुवाई क्षेत्रफल बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है जिसके कारण भी खाद की मांग बढ़ी है। इस संबंध में कृषि उपनिदेशक रामलाल जाट ने बताया कि जिले में इस सीजन में 11 हजार मेट्रिक टन खाद की मांग की गई थी जिस पर अब तक 6 हजार मेट्रिक टन खाद की आपूर्ति हो चुकी है तथा शेष आपूर्ति भी जल्द हो जाएगी। उन्होंने बताया कि यह सीजन दिसंबर तक चलता है। उन्होंने बताया कि इस समय किसान सरसों की बुवाई की तैयारियों में लगे हुए हैं, जरूरत के मुताबिक आपूर्ति हो रही है परंतु किसान जल्दबाजी में जरूरत से ज्यादा खाद खरीद कर रखना चाहते हैं। हम इस संबंध में किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि सरसों की बुवाई की जरूरत के मुताबिक ही खाद वर्तमान में रखें अतिरिक्त खाद रखने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिल जाता है।
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