पहले आईएमएफ को अपनाना चाहिए था : रंजीत सियाम्बलपतिया
श्रीलंका आर्थिक संकट
मंत्री ने कहा कि जनवरी 2023 में आईएमएफ से 40 करोड़ डॉलर की पहली किश्त की उम्मीद है। श्रीलंका को इससे पहले 16 मौकों पर भी आईएमएफ से ऋण मिला है। स्पष्ट संकेतों के बावजूद श्रीलंका एक अभूतपूर्व संकट की ओर बढ़ गया।
कोलंबो। श्रीलंका के वित्त मंत्री रंजीत सियाम्बलपतिया ने कहा है कि पिछली सरकारों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौतों का पालन किया होता तो देश को घोर आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता। 'द आइलैंड' अखबार में यहां प्रकाशित अपने लेख ने सियाम्बलपतिया स्वीकार किया कि देश सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने साथ ही चेतावनी दी कि सरकार इस बार आईएमएफ की जांच के दायरे में होगी। पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान मंत्री रहे श्री सियाम्बलपतिया ने कहा कि पिछली सरकारें आईएमएफ के साथ ईमानदार नहीं रही हैं।
उन्होंने कहा कि हम आसानी से भूल गए कि आईएमएफ को दो किश्तों के बाद क्या वादा किया गया था। आईएमएफ अब सतर्क रहेगा। मंत्री ने कहा कि जनवरी 2023 में 40 करोड़ डॉलर की पहली किश्त की उम्मीद है। श्रीलंका को इससे पहले 16 मौकों पर भी आईएमएफ से ऋण मिला है। स्पष्ट संकेतों के बावजूद श्रीलंका एक अभूतपूर्व संकट की ओर बढ़ गया। इन शक्तियों ने आईएमएफ के दखल की मांग करने से मना कर दिया ,इसके बजाय उन्होंने वही हानिकारक नीतियां जारी रखीं।
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