48 हजार परिवारों ने मांगा सस्ता गेहूं, अब हो रही जांच
कमी पूर्ति के लिए वापस भेजे आवेदन
कोटा जिले में करीब 48 हजार से अधिक परिवारों ने खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। राज्य सरकार जल्द से जल्द से इन आवेदनों का निस्तारण करना चाहती है।
कोटा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत नाम जोड़ने के लिए आवेदनों की पात्रता की जांच और निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आवेदनों की पात्रता जांच में एक सप्ताह के भीतर ही विभाग ने कोटा जिले में फिलहाल दो सौ आवेदन कमियों के कारण लौटाए हैं। आवेदनकर्ता को एक माह में इन कमियों की पूर्ति करने के लिए ई-मित्र के माध्यम से आवेदन करना होगा। पात्रता के सभी मापदंड पूरे होने पर आवेदनकर्ता का नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ा जाएगा। इस अवधि में आवेदन की पूर्ति कर नहीं भेजा तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। कोटा जिले में करीब 48 हजार से अधिक परिवारों ने खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। राज्य सरकार जल्द से जल्द से इन आवेदनों का निस्तारण करना चाहती है।
ये कमियां आ रही सामने
खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार आवेदनों को पोर्टल पर प्राधिकृत उपखंड अधिकारी जांच रहे हैं। जिसमें सामने आया कि किसी आवेदनकर्ता ने बीपीएल श्रेणी में नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है तो बीपीएल प्रमाण पत्र नहीं लगाया है। किसी आवेदनकर्ता ने अंत्योदय योजना में नाम जोडऩे के लिए आवेदन तो किया है लेकिन अंत्योदय प्रमाण पत्र नहीं लगाया है। इन कमियों की पूर्ति के लिए आवेदनकर्ताओं को 30 दिन का समय दिया है।
प्रदेश में 19 लाख से अधिक आवेदन
राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ऩे के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को 19 लाख 57 हजार 991 आवेदन मिले हैं। केन्द्र सरकार ने 2011 की जनगणना के हिसाब से खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने की सीमा 4 करोड़ 46 लाख तय कर दी है। अभी राज्य में इस योजना में 4 करोड़ 25 लाख सदस्य हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना में दस लाख नए परिवार जोड़ऩे की घोषणा इस बजट में की है। खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केन्द्र की सीमा के हिसाब से अभी 20 लाख नाम जोड़ सकते हैं।
दो रुपए किलो मिलता है गेहूं
सरकार की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा बीपीएल परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना में अनुदानित दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। बीपीएल, राज्य बीपीएल और अन्त्योदय परिवार को एक रुपए किलो और एपीएल परिवार को दो रुपए किलो खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। अन्त्योदय परिवार को प्रति राशन कार्ड 35 किलो गेहूं दिया जाता है।
कई पात्र थे वंचित
कई पात्र परिवार भी इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे थे। ऐसे पात्र वंचित लोगों को लाभ पहुंचाने के इरादे से अप्रेल 2022 से मई 2022 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इस दौरान कोटा जिले से ही करीब 48 हजार से अधिक परिवारों ने आवेदन किए हैं। प्रदेश स्तर पर तो इसकी संख्या करीब 19 लाख से अधिक है।
यह सुविधा है तो नहीं जुड़ेगा नाम
- एक लाख रुपए से ज्यादा वार्षिक आय
- आवेदनकर्ता या परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी
- आवेदनकर्ता के पास चारपहिया वाहन
- आवेदनकर्ता आयकर दाता होने पर
- गांव में 2000 और शहर में 1000 स्क्वायर फीट में आवास
इनका कहना है
सरकार के निर्देशानुसार प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों की जांच शुरू कर दी गई है। सम्बंधित एसडीओ स्तर पर आवेदनों की जांच हो रही रही है। जांच के दौरान दस्तावेज कम पाए जाने पर संबंधित आवेदन को कमी पूर्ति के लिए ई-मित्र को भेजा जा रहा है। तय समय अवधि में कमी पूर्ति नहीं होने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
- अदिति, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग
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