आरसीए के चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ का आदेश

आरसीए के चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

कमेटी का सीधा नियंत्रण मुख्यमंत्री के पास है। वहीं गत 8 सितंबर को रामलुभाया को आरसीए के चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया है। सीएम के बेटे वैभव गहलोत आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष हैं और आगामी चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भी हैं।

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के होने वाले चुनाव पर अंतरिम रोक लगा दी है। अदालत ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर को जारी रखने के आदेश देते हुए कहा है कि होने वाले चुनाव पर आगामी आदेश तक रोक रहेगी। जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश दौसा जिला क्रिकेट संघ सहित अन्य जिला संघों की याचिका पर दिए। याचिका में आरसीए चुनाव करवाने के लिए राज्य के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे रिटायर आईएएस रामलुभाया की मुख्य चुनाव अधिकारी के तौर पर की गई नियुक्ति को चुनौती दी गई है। जिला संघों का कहना है कि रामलुभाया के मुख्य चुनाव अधिकारी रहने से आरसीए चुनाव में राजनीतिक दखल रहेगा और चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे।

क्या है मामला

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व आईएएस रामलुभाया को गत 13 मार्च को प्रदेश के जिलों के लिए बनाई गई हाई पावर समिति का चेयरमैन बनाया है। इस कमेटी का सीधा नियंत्रण मुख्यमंत्री के पास है। वहीं गत 8 सितंबर को रामलुभाया को आरसीए के चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया है। सीएम के बेटे वैभव गहलोत आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष हैं और आगामी चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भी हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी ने आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए कई जिला संघों की मतदाता सूची से छेड़खानी की और अवैध तरीके से मतदाता सूचियां बनाई हैं। इस पर याचिकाकर्ताओं ने उनके चुनाव अधिकारी बनाए जाने पर उनके समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उन्होंने आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया। ऐसे में याचिका के निस्तारण तक आरसीए चुनाव पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके विरोध में आरसीए ने कहा कि वैभव गहलोत मुख्यमंत्री के बेटे होने के साथ अपना अलग व्यक्तित्व भी रखते हैं। केवल सीएम की संतान होने की वजह से उन पर आरोप लगाया जाना गलत है। आरसीए ने कहा कि जैसे बीसीसीआई के सचिव पद पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जयशाह भी हैं तो क्या उन्हें भी बीसीसीआई का सचिव बनाने के लिए राजनीतिक दखल दिया गया है? ऐसे आरोप तो बीसीसीआई पर भी लग सकते हैं। इसलिए केवल सीएम का पुत्र होने की वजह से राजनीतिक दखल का आरोप लगाते हुए दायर याचिका को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने चुनाव पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की है।

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