विचार हो कि 102 विधायक कैसे नाराज हुए : गहलोत
जिन्होंने सरकार बचाई, उन्हें धोखा नहीं दे सकता
सचिवालय में गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि हमने तो सोनिया गांधी को जा कर कह दिया 50 साल की राजनीति में पहली बार देखा कि एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इसका मुझे वास्तव में आज भी दुख है और इसके लिए मैंने आलाकमान से माफी भी मांगी ली।
जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में आल इज वेल के सवाल पर कहा है कि मैं तो मेरा काम करते जा रहा हूं, बाकी जो निर्णय करना है वो आलाकमान को करना है। सचिवालय में गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि हमने तो सोनिया गांधी को जा कर कह दिया 50 साल की राजनीति में पहली बार देखा कि एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इसका मुझे वास्तव में आज भी दुख है और इसके लिए मैंने आलाकमान से माफी भी मांगी ली।
गहलोत ने कहा मैंने अगस्त में ही मैडम सोनिया गांधी और प्रभारी अजय माकन से कहा था कि प्रदेश में सर्वे करा लिया जाए, क्योंकि हम सबका ध्येय राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट कराना है। राजस्थान में चुनाव जीतना हमारे लिए बहुत जरूरी है, यदि हम यहां चुनाव जीतेंगे तो आगे भी कांग्रेस की संभावना बनेगी क्योंकि आज कांग्रेस की देश को जरूरत है। मैंने उन्हें कह दिया था मैं मुख्यमंत्री रहूं या ना रहूं, मैं विड्रॉ भी कर सकता हूं। आप सर्वे कराएं और लगे कि किस तरह हम राजस्थान में वापस सरकार बना सकते हैं। मैं उसमें अपना पूरा सहयोग करूंगा। मैं मुख्यमंत्री रहूं और सरकार न बने तो क्या मतलब, इसलिए हमारी सरकार बने और हम सब मिलकर बनाएं,यहीं हम सबका प्रयास रहना चाहिए और वही सच्चा कांग्रेसी माना जाएगा।
विचार हो कि विधायक कैसे नाराज हुए: गहलोत
पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खरगे और प्रभारी अजय माकन जब सीएलपी मीटिंग की लेने आए और एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो गहलोत ने एक लाइन का प्रस्ताव पारित न होने पर दुख जताते हुए कहा कि राजस्थान में इस परंपरा का पालन नहीं किया है। इसका मुझे दुख है। आखिर 102 विधायक नाराज क्यों हो गए, इस पर मंथन होना चाहिए कि आखिर इस्तीफा देनें की नौबत क्यों आई। जिन 102 विधायकों ने मुझ पर विश्वास किया, मेरी सरकार बचाई, मैं उन्हें कैसे धोखा दे सकता था इसलिए मैंने आलाकमान से माफी मांगना मंजूर किया। कांग्रेस अध्यक्ष का हम सब उनका सम्मान करते हैं।
खिलाफत में बयान देने वालों का एहसान नहीं भूल सकता: गहलोत
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने की तो भाजपा की हमेशा कोशिश रहती है। उस समय पूरी घटना को देंखे तो अमित शाह ने तो हमारे विधायकों को तब खूब मिठाई खिलाई थी। कहा था थोड़ा इंतजार थोड़ा इंतजार लेकिन हमारी सरकार नहीं गिरी और जीत सच्चाई की हुई। इसलिए 102 विधायकों को मैं नहीं भूल सकता चाहे मैं रहूं या नहीं रहूं। मैने बाड़ेबंदी के दौरान उनसे वादा किया कि मैं आपका अभिभावक हूं, इसलिए मैं उनको नहीं भूल सकता। आज उन विधायकों में से दो चार लोग यदि मेरे खिलाफ कोई बयान भी देते हैं, तब भी उनका एहसान नहीं भूल सकता, क्योंकि उन्होंने तब हमारी सरकार बचाई थी। उस समय सरकार गिराने के लिए विधायकों को 10 करोड़ का ऑफर था और जब राज्यपाल ने सदन बुलाने की तारीख घोषित कर दी उसके बाद तो यह कीमत 50 करोड़ तक पहुंच गई थी।
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