जयपुर में ओम बिरला की प्रेसवार्ता : जवाबदेही हो सरकार, अच्छा काम करने के लिए कार्यपालिका पर दबाव बने

जयपुर में ओम बिरला की प्रेसवार्ता : जवाबदेही हो सरकार, अच्छा काम करने के लिए कार्यपालिका पर दबाव बने

संसद सर्वोच्च संस्था होने के नाते एक मॉडल नियमावली बनाएगी

जयपुर।  पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की जयपुर में प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान ओम बिरला ने कहा कि शिमला में हुए इस सम्मेलन में कुछ एतिहासिक फैसले लिए गए है। सभी विधान मंडलों में एक समान नियम प्रक्रिया बनाने का संकल्प लिया गया है । संसद सर्वोच्च संस्था होने के नाते एक मॉडल नियमावली बनाएगी। सभी विधानमंडल सदन सुचारू रूप से चलाने के लिए इस पर अमल करेंगे। सदन सुचारू चलाने और जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाने के लिए एक समान नियम प्रक्रिया बनने से बड़ी मदद मिलेगी।  लोकतांत्रिक संस्थाएं इससे ज्यादा मजबूत होगी। सदन की कार्यवाही संचालन के प्रसारण को भी एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास करेंगे।सभी विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों ने इस पर सहमति दी है। 'वन नेशन-वन प्लेटफार्म' के आधार पर इसे हम मजबूत कर सकेंगे।विधान मंडलों को सही तरीके से संचालित करने के लिए भी एक नियमावली बनेगी। पीठासीन अधिकारियों की भी कमेटी बनेगी।अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए मानदंड तय किए जाएंगे। बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि सदनों में नवाचारों पर चर्चा होनी चाहिए। जो विषय विधानमंडल, लोकसभा और राज्यसभा में उठें। उनका सरकार जवाब दे। इससे जवाबदेही बढ़ेगी और अच्छा काम करने के लिए कार्यपालिका पर दबाव बनेगा।

दल बदल मुद्दें पर बयान देते हुए बिरला ने कहा कि दल बदल कानून को प्रभावी बनाने के लिए जो कमेटी बनी थी उसमें अभी सर्वसम्मति नहीं बन पाई है। दल बदल कानून को और प्रभावी बनाने के लिए सरकार से बात करेंगे। पहली बार चुनकर आए सभी सदस्यों का प्रबोधन और प्रशिक्षण होगा।  विधान मंडलों में होने वाले व्यवधान और हंगामे को रोककर इसे ज्यादा जवाबदेह बना पाएंगे। सभी दलों के नेताओं से विधान मंडल के अध्यक्ष चर्चा करेंगे।सदन को निर्बाध रूप से चलाने और अनुशासन का स्तर बनाए रखने के लिए चर्चा करेंगे। वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों को लेकर सवाल पर ओम बिरला ने कहा कि एसएमएस अस्पताल आने वाले परिजनों के लिए कई बार रुकने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती। यदि सरकार परिजनों को ठहरने का स्थान बनाने के लिए कोई जमीन देगी।
 तो मैं इस पर भवन बनवाने के लिए सीएसआर से योगदान दिलवाने का प्रयास करूंगा। 

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