प्रदेश में मंत्री मंडल विस्तार में 11 काबीना मंत्री लेंगे शपथ
सियासी संकट का पटाक्षेप हो गया। कांग्रेस की आलाकमान सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया।
जयपुर। सियासी संकट का पटाक्षेप हो गया। कांग्रेस की आलाकमान सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया। गहलोत की टीम के लिए 11 काबीना और चार राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इनमें तीन मंत्री वो भी शामिल है, जिनको राज्यमंत्री से काबीना मंत्री बनाया गया है। इसके लिए राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें राज्यपाल कलराज मिश्र नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे।
मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दिए
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएमआर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए। इन इस्तीफों पर फैसला लेने का अधिकार पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। यह प्रस्ताव कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा ने रखा। बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने पत्रकारों को बताया कि सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। मंत्रिपरिषद में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेशाध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों का आभार जताया है। अब कांग्रेस और उसके समर्थित सभी विधायकों को रविवार को दोपहर दो बजे पीसीसी में बुलाया गया है, जहां नए मंत्रियों का स्वागत किया जाएगा और सभी एक साथ राजभवन ले जाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से की मुलाकात, तीन मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
राज्यपाल कलराज मिश्र से शनिवार रात राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस्तीफे सौंपे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की संस्तुति पर तत्काल प्रभाव से इन इस्तीफों को स्वीकार कर लिया।
तीन जिलों में एक तिहाई कैबिनेट सिमटा
प्रदेश के तीन जिलों में एक तिहाई कैबिनेट सिमट गया है। इनमें भरतपुर, दौसा और बीकानेर शामिल है। भरतपुर जिले से 4, दौसा और बीकानेर जिले से 3-3 मंत्री अब कैबिनेट में होंगे।
सबसे अप्रत्याक्षित फैसला
सबसे अप्रत्याक्षित फैसला यह हुआ कि जिन मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी तय मानी जा रही थी उनको पदोन्नत किया गया है। ममता भूपेश, टीकाराम जूली, भजनलाल जाटव को हटाने की चर्चा थी लेकिन राज्यमंत्री से पदोन्नत करके कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में राष्टÑीय लोकदल से समझौता नहीं होने के कारण ये माना जा रहा था कि सुभाष गर्ग को भी यहां हटाया जा सकता है लेकिन उनको बरकरार रखा गया है।
विश्वेन्द्र और रमेश की वापसी
सियासी संकट के चलते मंत्रिमंडल से हटाए गए विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा की वापसी हो गई है। ये दोनों रविवार को फिर से काबीना मंत्री पद की शपथ लेंगे। सियासी संकट के दौरान हुई बाड़ेबंदी के खत्म होने के बाद विश्वेन्द्र सिंह सीधे ही मुख्यमंत्री गहलोत के निवास पर पहुंच गए थे और उन्होंने उसी दिन गहलोत को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। इससे विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र काफी खफा भी हो गए थे और पारिवारिक विवाद भी पैदा हो गया था, लेकिन विश्वेन्द्र सिंह फिर भी गहलोत को समर्थन देने पर अड़े रहे। रमेश मीणा भी पिछले 15 महीनों से चुपी साधे बैठे थे और गहलोत के खिलाफ किसी भी प्रकार की बयानबाजी नहीं की।
सात एमएलए बनेंगे सीएम के एडवाइजर
जिन वरिष्ठ को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, उनमें से सात को सीएम का सलाहकार बनाया जाएगा। दस संसदीय सचिव बनेंगे। अन्य में से बोर्ड-निगमों के अध्यक्ष होंगे। संयम लोढ़ा बीसूका उपाध्यक्ष और महादेव खण्डेला किसान आयोग अध्यक्ष हो सकते हैं।
पायलट गुट के तीन नए मंत्री
पायलट गुट के तीन नए मंत्री शामिल हुए है। यह हेमाराम चौधरी, बृजेन्द्र ओला तथा मुरारीलाल मीणा है।
इनको किया पदोन्नत
मुख्यमंत्री ने अपनी टीम में से ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को राज्य मंत्री से पदोन्नत कर काबीना मंत्री का दर्जा दिया है।
इन जिलों को नहीं मिला प्रतिनिधित्व
विस्तार में प्रदेश के 13 जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इनमें उदयपुर, टोंक, सीकर, सवाई माधोपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, नागौर, हनुमानगढ़, शगंगानगर, डूंगरपुर, धौलपुर, चूरू और अजमेर शामिल है, जबकि सिरोही, पाली और झालावाड़ ऐसे जिले हैं जिनमें कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है।
क्षेत्रीय असंतुलन
भरतपुर जिले से सुभाष गर्ग और भजनलाल जाटव मंत्री हैं और विश्वेन्द्र सिंह मंत्री बनेंगे। दौसा जिले से परसादीलाल लाल मीणा, ममता भूपेश मंत्री हैं और मुरारीलाल मीणा मंत्री बनेंगे। जबकि बीकानेर से डा. बी.डी. कल्ला, भंवरसिंह भाटी कैबिनेट का हिस्सा हैं और अब गोविन्दराम मेघवाल मंत्री बनेंगे।
बांसवाड़ा में दो विधायक दोनों मंत्री
बांसवाड़ा एक ऐसा जिला है जिसमें कांग्रेस की दो सीटें है। वहां से दोनों विधायक अब मंत्री होंगे। अर्जुन बामनिया पहले से मंत्री हैं जबकि महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को विस्तार में जगह मिली है।
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