ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई: SC ने केंद्र से कहा- देश में ऑक्सीजन आवंटन के फॉर्मूले को सुधारने की जरूरत

ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई: SC ने केंद्र से कहा- देश में ऑक्सीजन आवंटन के फॉर्मूले को सुधारने की जरूरत

कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की खबरों पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि अगर हालात बिगड़ते हैं और कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो आप क्या करेंगे। आपके पास प्लान क्या है।

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की खबरों पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि अगर हालात बिगड़ते हैं और कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो आप क्या करेंगे। आपके पास प्लान क्या है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या अस्पतालों के पास ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है। ऑक्सीजन सप्लाई में कहां दिक्कत आ रही है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या अस्पतालों के पास ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता है। कोर्ट पहले ही आदेश दे चुकी है कि केंद्र को 3 मई तक बफर स्टॉक तैयार रखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर स्टॉक रहेगा तो पैनिक के हालात नहीं बन पाएंगे। अभी सप्लाई टैंकर्स पर निर्भर है, कल को टैंकर्स नहीं होंगे, तो क्या करेंगे।

कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दूसरी लहर का कहर जारी है और वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की बात कह रहे हैं। रिपोर्ट कहती हैं कि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। अगर बच्चों पर असर बढ़ता है, तो कैसे संभालेंगे क्योंकि बच्चे तो अस्पताल खुद नहीं जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीसरी लहर से कैसे निपटना है, इसकी तैयारी अभी से करनी होगी। युवाओं का वैक्सीनेशन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज करीब डेढ़ लाख ऐसे डॉक्टर्स हैं, जो एग्जाम की तैयारी में हैं, करीब ढाई लाख नर्स घरों में बैठी हैं। ये वही लोग हैं जो तीसरी लहर के वक्त आपके इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि स्वास्थ्यकर्मी मार्च 2020 से लगातार काम कर रहे हैं, ऐसे में उनपर भी थकान और दबाव ज्यादा है।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली को बीते दिन 700 एमटी ऑक्सीजन दी गई है, उससे पहले भी दिल्ली को 585 एमटी ऑक्सीजन दी गई थी। देरी सिर्फ टैंकर्स की वजह से हो रही थी। कोर्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुमिता दावरा ने बताया कि कुल टैंकर के 53 फीसदी को दिल्ली सप्लाई के लिए ही लगाया गया है, 6 कंटेनर्स भी लगाए गए हैं। अगले कुछ दिनों में इनकी संख्या 24 हो जाएगी, इनमें भरे हुए और वापस प्लांट तक जाने वाले केंटेनर्स भी शामिल रहेंगे। केंद्र ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली के सभी अस्पताल कोविड स्पेशल नहीं हैं, ऐसे में जो छोटे अस्पताल हैं उनके पास ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन आवंटन के फॉर्मूले को पूरी तरह से सुधारने की जरूरत है। 

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