बिजली की दर बढ़ाकर सरकार ने महँगाई का चाबुक चलाया : राठौड़
विधानसभा में उठाया बिजली दर का उठाया मुद्दा
सरकार ने दीपावली के त्यौहार व शादी के अवसर पर फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आदेश निकालकर विद्युत उपभोक्ताओं की कमर तोड़ने और महंगाई का चाबुक चलाने का काम किया है।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि अपने नीतिगत दस्तावेज जनघोषणा पत्र में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का दावा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने पिछले दरवाजे से विद्युत उपभोक्ताओं को जोरदार झटका देने का निर्णय किया है। एक बार फिर महंगी दरों पर कोयला खरीदने के नाम पर प्रदेश के 1 करोड़ 42 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को 21 पैसे अतिरिक्त प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के हिसाब से 375 करोड़ रुपये की वसूली आगामी नवंबर और दिसंबर 2022 के बिलों में की जायेगी। सरकार ने दीपावली के त्यौहार व शादी के अवसर पर फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आदेश निकालकर विद्युत उपभोक्ताओं की कमर तोड़ने और महंगाई का चाबुक चलाने का काम किया है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 4 वर्षीय कार्यकाल में अब तक फ्यूल सरचार्ज के रूप में औसतन 69 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर लादा जा चुका है, जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज मात्र 18 पैसे प्रति यूनिट था। राज्य सरकार बिजली कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार कर महंगी दरों पर बिजली व कोयला खरीद, कृषि कनेक्शन देने के टर्नकी प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और चहेती निजी विद्युत उत्पादन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए निरंतर उपभोक्ताओं की जेब काट रही है वहीं दूसरी ओर संस्थागत भ्रष्टाचार का तांडव मचाकर जमकर चांदी कूट रही है।
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