केन्द्र पर बरसे गहलोत: केन्द्र की गलत नीतियों का परिणाम पूरा देश भुगत रहा
राज्यों को कमजोर करने का काम कर रही मोदी सरकार: गहलोत
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में 12 दिसंबर को महंगाई विरोधी रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों को अधिक से अधिक पहुंचने की अपील करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीएम गहलोत ने पीसीसी में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत सरकार की गलत नीतियों का परिणाम भुगतना पड़ रहा । केन्द्र सरकार संघवाद के खिलाफ जा रही है। राज्यों को कमजोर किया जा रहा। कर्जा लेकर राज्य काम चला रहे। राज्य मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा। पेट्रोल डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रहीं है। इससे दूसरी चीजें भी महंगी होती है। अभी तो चुनाव के चक्कर में कीमतें नहीं बढ़ रही। जब चुनाव के नाम पर रोकी जा सकती है तो हमेशा क्यों नहीं। एक्साइज ड्यटी का बंटवारा होता था उसे कमजोर कर दिया। स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ा रहे। इसमें राज्यो को हिस्सा नहीं मिलता। केंद्र का खजाना भर रहा, राज्यों का हिस्सा बंद कर दिया। जो कीमतें कम की वो राज्यो के हिस्से में से की।
सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में रेवेन्यू के 20 हजार करोड़ रुपये कम हुए। जीएसटी का हमारा पैसा रोका हुआ है। पुनर्भरण की सीमा 2027 तक बढाई जाए। महंगाई की मार ने लोगों को हिला दिया है। महंगाई और बेरोजगारी ये 2 बड़े मुद्दे देश के सामने है। 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था। इनके पास कोई जवाब ही नहीं है। ये इन मुद्दों पर कभी बात ही नहीं करते। आम लोगों से जुड़ा हुआ हुआ मुद्दा है। भाजपा के लोग अभी पब्लिक का मूड देखकर घबराए हुए हैं। यहां चुनाव में तीसरे-चौथे नम्बर पर आई। हिमाचल प्रदेश में हार गए। पूरे देश में चर्चा है।
भगवान करे ये घबराए हुए रहें। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा अभी तक नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने सलाहकारों के मसले पर कहा कि हम सरकार चला रहे हैं। हमें भी तो पता है कि किसे बना सकते हैं किसे नहीं। मीडिया बिना मतलब का इश्यू बना रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुविधाएं नहीं मिल सकती है।हमने कोई आदेश निकाला ही नहीं है।
मैं किसी से एडवाइज लूं इसमें किसी को क्या एतराज हो सकता है? अन्य सवाल के जबाव में कहा कि बेरोजगारों का लखनउ जाकर धरना करने का क्या तुक है? भाजपा वाले उन्हें भड़का रहे हैं। राजनीतिक दफ्तरों, नेताओं के घरों के बाहर धरना देना गलत है। राजस्थान में देश इन सबसे ज्यादा रोजगार मिल रहा है। जो पढ़ाई नहीं कर रहे वो यूनियन बनाकर दबाव बना रहे । इनमें कुछ तो आगे चुनाव में खड़े होना चाहते हैं। बस भाजपा या कांग्रेस कोई भी टिकट दे दे । राजेन्द्र गुढा मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हे कोई तकलीफ हो सकती है। सभी को समान रूप से संतुष्ट नहीं किया जा सकता। अध्यक्ष जी और मैं उनसे बात करेंगे।
सीएम गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री की घोषणा को पूरी नहीं करवा पाए। तो क्या उन्हें मंत्री रहने का अधिकार है क्या? ईस्टर्न राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करवा पाए। वो हमारे अपने मंत्री हैं। वो राजस्थान की क्या पैरवी कर रहे हैं? क्या वो अपने मंत्रालय की पावर यूज नहीं कर सकते।
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