सुरक्षित हो डेटा

सुरक्षित हो डेटा

भारत की सरकार ने डेटा सुरक्षा विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी कर ली है।

भारत की सरकार ने डेटा सुरक्षा विधेयक संसद में पेश करने की तैयारी कर ली है। यह काफी महत्वपूर्ण विधेयक है जिस पर संसद में व्यापक बहस होनी चाहिए। क्योंकि काफी हद तक हमारा जीवन डेटा की सुरक्षा पर ही निर्भर है। हर व्यक्ति के डेटा को अपराधियों व स्वार्थी तत्वों से सुरक्षित रखा जाना ही चाहिए और यह लोगों का संवैधानिक अधिकार भी है। अभी इस विधेयक पर विरोध के स्वर उभर रहे हैं, जो स्वाभाविक भी है। संसद की संयुक्त समिति ने डेटा विधेयक को लेकर जो सिफारिशें तैयार की हैं, उसमें कुछ बदलावों संबंधी सुझाव दिए हैं, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है। समिति ने विधेयक में बदलावों को लेकर जो सुझाव दिए हैं उनमें कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को पब्लिशर्स के रूप में मानने के साथ-साथ डेटा की निगरानी और जांच के अधिकार को दायरे में लाया जाना चाहिए। दो साल तक चली चर्चा के बाद व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को दायरे को बढ़ाने के लिए संसदीय समिति ने अपने सुझावों में गैर-व्यक्तिगत डेटा और इलैक्ट्रॉनिक हार्डवेयर द्वारा जुटाए जाने वाले डेटा को भी अधिकार क्षेत्र में शामिल किया है। समिति के सुझावों में उस प्रावधान को बरकरार रखा गया है जो सरकार को अपनी जांच एजेंसियों को इस प्रस्तावित कानून के दायरे में मुक्त रखने का अधिकार देता है। संसदीय समिति का कहना है कि इस विधेयक को लेकर 93 सिफारिशें की गई हैं और इसमें सरकार के कामकाज और लोगों की निजता की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने का पूरा प्रयास किया गया है। इस 31 सदस्यीय समिति में शामिल विपक्ष के कई सदस्यों ने सिफारिशों पर असहमति व्यक्त की है। निजी डेटा विधेयक के अनुसार केन्द्र सरकार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा, राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था व देश की संप्रभुता एवं अखण्डता की रक्षा के लिए अपनी जांच व सुरक्षा एजेंसियों को इस प्रस्तावित कानून में छूट दे सकती है। विपक्षी सदस्यों ने मुख्य रूप से इसी को लेकर अपना विरोध व्यक्त किया है। विपक्षी सदस्यों के विरोध को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि सरकारी एजेंसियों की अधिकार सीमाओं को भी तय किया जाना चाहिए। सरकारी एजेंसियां अपने अधिकारों का दुरुपयोग भी कर सकती है। सरकार डेटा सुरक्षा विधेयक लाए, लेकिन किसी भी सूरत में निजता के अधिकार की गारंटी सुनिश्चित रहनी ही चाहिए।

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