बिना गारंटी 50 हजार का लोन देने में बेरोजगारों के साथ ये कैसा मजाक
इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की हकीकत
योजना के तहत पांच लाख लोगों को ब्याज मुक्त ऋण देने का लक्ष्य दिया गया, लेकिन इसकी क्रियान्विति केवल 7.16 प्रतिशत ही रही। इसमें सबसे निचले पायदान पर राजधानी जयपुर रहा, जिसमें केवल लक्ष्य के मुताबिक चार फीसदी लोगों को ही लाभ मिल सका, वहीं सबसे टॉप में बारां, सिरोही, करौली व पाली रहा।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। प्रदेश में इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बिना गारंटी के 50 हजार तक का ब्याज मुक्त ऋण देने की मुहिम युवाओं और बेरोजगारों के लिए मजाक साबित हो रही है। योजना के तहत पांच लाख लोगों को ब्याज मुक्त ऋण देने का लक्ष्य दिया गया, लेकिन इसकी क्रियान्विति केवल 7.16 प्रतिशत ही रही। इसमें सबसे निचले पायदान पर राजधानी जयपुर रहा, जिसमें केवल लक्ष्य के मुताबिक चार फीसदी लोगों को ही लाभ मिल सका, वहीं सबसे टॉप में बारां, सिरोही, करौली व पाली रहा। इन जिलों में 13 से 16 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो सका।
कार्ड की जगह ऋण का प्रावधान
पहले योजना के तहत जिलों में युवाओं, बेरोजगारों व पथ विक्रेताओं को के्रडिट कार्ड जारी किए जाने थे, लेकिन बाद में योजना का प्रारूप बदलकर कार्ड की जगह ऋण वितरण की व्यवस्था की गई है। योजना के तहत लिए जाने वाले ऋण को लाभार्थी को एक साल में लौटाने का प्रावधान है।
बिना किसी गारंटी के 50 हजार तक का लोन
राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र के रेहड़ी-पटरी वालों तथा सेवा क्षेत्र के युवाओं व बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए इंदिरा गांधी शहरी के्रडिट कार्ड योजना-2021 शुरू की गई। अब इसे 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना के तहत लाभार्थी को बिना किसी गारंटी के 50 हजार तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरुरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बजट में योजना की घोषणा की थी।
योजना में पांच लाख को ऋण देने का लक्ष्य
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा जैसी योजनाएं संचालित है, लेकिन शहरी क्षेत्र में ऐसी कोई व्यापक योजना उपलब्ध नहीं थी। इसे देखते हुए यह योजना शुरू की गई थी। योजना का लाभ नगरपालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम की सीमा में रह रहे पांच लाख लोगों को देने का लक्ष्य रखा गया था।
ऋण लेने वाले की ये रखी पात्रता
- आवेदनकर्ता राजस्थान का मूल निवासी हो
- ऋण के लिए आवेदनकर्ता की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए
- आवेदनकर्ता की मासिक आय 15 हजार से कम होनी चाहिए
- आवेदनकर्ता की संपूर्ण परिवार की आय पचास हजार से कम होनी चाहिए
- सर्वे के दौरान चयनित विक्रेता भी लाभ लेने के पात्र
- सर्वे से वंचित वेण्डर्स भी आवेदन के पात्र
इनका कहना है-
योजना की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। पहले साल शुरू करने में देरी के कारण कम आवेदकों को लाभ दिया जा सका। अब तक करीब 36 हजार लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अलावा काफी आवेदन प्रगतिरत हैं।
-भंवर लाल बैरवा, पीडी, डीएलबी
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