जीएसटी में सिर्फ एक दर हो: देबरॉय

मुकदमेबाजी कम होगी

जीएसटी में सिर्फ एक दर हो: देबरॉय

देबरॉय ने कहा कि जीएसटी पर यह मेरी राय है। टैक्स की सिर्फ  एक दर होनी चाहिए। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि हमें ऐसा कभी मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर अभिजात्य प्रकृति और ज्यादा उपभोग वाले प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग टैक्स दरें हटा दी जाएं तो इससे मुकदमेबाजी कम होगी।

एजेंसी,नवज्योति/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबरॉय ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सिस्टम में सिर्फ  एक रेट (दर) का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि टैक्सेशन सिस्टम फ्री या छूट रहित होनी चाहिए। हालांकि, देबरॉय ने स्पष्ट किया है कि उनकी इस राय को ईएसी.पीएम का सुझाव नहीं माना जाए। देबरॉय ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र और राज्यों का टैक्स कलेक्शन सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 15 प्रतिशत है, जबकि सार्वजनिक ढांचे पर सरकार के खर्च की मांग कहीं ऊंची है।

मुकदमेबाजी कम होगी
देबरॉय ने कहा कि जीएसटी पर यह मेरी राय है। टैक्स की सिर्फ  एक दर होनी चाहिए। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि हमें ऐसा कभी मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर अभिजात्य प्रकृति और ज्यादा उपभोग वाले प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग टैक्स दरें हटा दी जाएं तो इससे मुकदमेबाजी कम होगी। देबरॉय ने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि प्रोडक्ट कोई भी हो, जीएसटी दर एक होनी चाहिए, अगर हम प्रगतिशीलता दिखाना चाहते हैं तो यह डायरेक्ट टैक्स के जरिये होनी चाहिए, जीएसटी या अप्रत्यक्ष करों के जरिये नहीं।

क्या हमें टैक्स छूट की जरूरत है
उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी गैरकानूनी है, लेकिन फ्री या छूट के प्रावधान के जरिए टैक्स से बचाव कानूनी रूप से सही है। देबरॉय ने सवाल किया कि क्या हमें इस तरह छूट की जरूरत है। जितना हम टैक्स फ्री देंगे यह उतना जटिल बनेगा। हमारा ऐसा सुगम टैक्स ढांचा क्यों नहीं हो सकता, जिसमें किसी तरह का ऐसा प्रावधान नहीं हो। देबरॉय ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट टैक्स और व्यक्तिगत आयकर के बीच बनावटी अंतर को खत्म किया जाना चाहिए। इससे प्रशासनिक अनुपालन का बोझ कम होगा।

आज औसत जीएसटी 11.5 प्रतिशत
देबरॉय ने फिर दोहराया कि उनके इस विचार को ईएसी-पीएम का सुझाव नहीं समझा जाए, देबरॉय ने कहा कि जीएसटी को लागू करने से पहले आर्थिक मामलों के विभाग ने 17 प्रतिशत के जीएसटी राजस्व निरपेक्ष दर का अनुमान दिया था, लेकिन आज औसत जीएसटी 11.5 प्रतिशत है। ईएसी-पीएम के चेयरमैन ने कहा कि या तो हम कर देने के लिए तैयार रहें या सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं की कम सप्लाई के लिए। सरकार द्वारा जो कर छूट दी जाती है वह जीडीपी के 5.5-5 प्रतिशत के बराबर है।

Tags: GST

Post Comment

Comment List

Latest News

आरक्षण चोरी का खेल बंद करने के लिए 400 पार की है आवश्यकता : मोदी आरक्षण चोरी का खेल बंद करने के लिए 400 पार की है आवश्यकता : मोदी
कांग्रेस ने वर्षों पहले ही धर्म के आधार पर आरक्षण का खतरनाक संकल्प लिया था। वो साल दर साल अपने...
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था, पुलिस के 85 हजार अधिकारी-जवान सम्भालेंगे जिम्मा : साहू 
इंडिया समूह का घोषणा पत्र देखकर हताश हो रही है भाजपा : महबूबा
लोगों को डराने के लिए खरीदे हथियार, 2 बदमाश गिरफ्तार
चांदी 1100 रुपए और शुद्ध सोना 800 रुपए महंगा
बेहतर कल के लिए सुदृढ ढांचे में निवेश की है जरुरत : मोदी
फोन टेपिंग विवाद में लोकेश शर्मा ने किया खुलासा, मुझे अशोक गहलोत ने उपलब्ध कराई थी रिकॉर्डिंग