किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए बनाई पांच सदस्यीय समिति

 किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए बनाई पांच सदस्यीय समिति

आंदोलन फिलहाल खत्म नहीं होगा

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के भविष्य की राह तय करने और मोदी सरकार से बात करने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन करने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक की। मोदी सरकार ने बातचीत करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसके सदस्य  बलबीर सिंह राजेवाल, शिव कुमार कक्का,  गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले होंगे।


बैठक के बाद राकेश टिकैत ने बताया कि यह कमेटी सरकार से सभी मामलों पर बातचीत करेगी। राकेश टिकैत ने फिर दोहराया गया कि आंदोलन फिलहाल खत्म नहीं होगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम कहीं नहीं जा रहे हैं। टिकैत ने कहा कि आज की बैठक में एमएसपीए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे के साथ किसानों पर मुकदमें को वापस लेना और मुआवजा का मुद्दा शामिल था।  टिकैत ने कहा कि भारत सरकार जब तक चाहेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा।

किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने तक चलेगा आदोलन

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि सभी किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि जब तक किसानों के खिलाफ मामले वापस नहीं लिए जाते वे वापस नहीं जाएंगे। आज सरकार को एक स्पष्ट संकेत भेजा गया है कि हम आंदोलन वापस नहीं लेने वाले हैं जब तक कि किसानों के खिलाफ सभी मामले वापस नहीं लिए जाते। इससे पहले दर्शन पाल ने बताया कि 702 किसानों की मृत्यु का आंकड़ा हमने सरकार को भेज दिया है।  



Post Comment

Comment List

Latest News

तेजी से विकसित होती हुई लोकेशन जगतपुरा ‘‘मंगलम पिंकवॉक’’ पर हो आपका व्यवसाय तेजी से विकसित होती हुई लोकेशन जगतपुरा ‘‘मंगलम पिंकवॉक’’ पर हो आपका व्यवसाय
फोर्थ फ्लोर से नाइथ फ्लोर तक 178 फुली फर्नीश्ड स्टूडियों व 250 कॉरपोरेट ऑफिस का निर्माण किया जा रहा है।...
राजस्थान सहकारी भर्ती बोर्ड 1003 पदों पर करेगा भर्ती, ऑनलाइन आवेदन शुरू 
20 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
आयुक्तालय ने कॉलेजों को दी राहत, अब 5 स्टूडेंट्स पर भी एसएफएस के तहत कॉलेज चला सकेंगे पीजी कोर्स
पतंग बाजार सजा, पुष्पा-2 की थीम का आसमान में दिखेगा क्रेज
केवल कागजों में ही चल रहा है स्वच्छ भारत मिशन, सुविधाघर में लग रहा गंदगी का अंबार
कश्मीर में कड़ाके की ठंड, धूप में सुखाई सब्जियों की बढ़ी मांग