रोनाल्डो-मेसी को पहली ट्रॉफी का इंतजार

अर्जेन्टीना को 44 साल का सूखा खत्म होने की उम्मीद, पहले खिताब की तलाश में है पुर्तगाल

रोनाल्डो-मेसी को पहली ट्रॉफी का इंतजार

अर्जेन्टीना की सबसे बड़ी मजबूत यही है कि उनके पास विश्व के सबसे अच्छो फॉरवर्डों में से एक लियोनल मेसी हैं। टीम ने पिछले महीनों में कड़ी मेहनत की है जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है।

दोहा। दुनिया के दो दिग्गज फुटबालरों लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपनी क्लब टीमों को तो कई खिताब दिलाए हैं लेकिन इन दोनों स्टार खिलाड़ियों को अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी का इन्तजार है। कतर में 20 नवम्बर से शुरू हो रहा फुटबाल विश्व कप दोनों ही खिलाड़ियों का पांचवां और संभवत: आखिरी विश्व कप होगा। अर्जेन्टीना ने 44 साल से विश्व कप ट्रॉफी नहीं जीती है। इस दौरान दो बार वह फाइनल में पहुंचा लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं रोनाल्डो की पुर्तगाल एक बार भी विश्व खिताब नहीं जीत पाई है। विश्व कप में पुर्तगाल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1966 में रहा, जब टीम तीसरे स्थान पर रही। ऐसे में दोनों दिग्गज खिलाड़ियों का सपना होगा कि कतर में वे अपनी टीम को खिताब दिलाएं।

अर्जेन्टीना का मजबूत पक्ष
अर्जेन्टीना की सबसे बड़ी मजबूत यही है कि उनके पास विश्व के सबसे अच्छो फॉरवर्डों में से एक लियोनल मेसी हैं। टीम ने पिछले महीनों में कड़ी मेहनत की है जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। अर्जेंटीना के पास मेसी के अलावा फॉरवर्ड लाउतारो मार्टिनेज और एंजेल डि मारिया भी हैं जो मेसी का गोल करने का दबाव कुछ हद तक कम कर सकते हैं। कुछ महीनों पहले अर्जेंटीना ने यूरोपियन चैंपियन इटली को 3-0 से मात दी थी। अर्जेन्टीना टीम पिछले 35 मैचों  में अपराजित रही है।

पुर्तगाल की मजबूती
टीम के पास 37 वर्षीय क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। टीम को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। रोनाल्डो के अलावा  टीम के पास जोआओ फेलिक्स भी हैं जो गोल करने का दमखम रखते हैं। टीम के पास अनुभवी गोलकीपर रुई पैट्रिको भी हैं जिन्होंने 2016 यूरो जीत में अच्छी भूमिका निभाई थी। मिडफील्ड में ब्रूनो फर्नांडीस और बर्नांडो सिल्वा गोल करने के मौके बनाने का कार्यभार संभालते हैं। 

पुर्तगाल की कमजोरी
रोनाल्डो इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर युनाइटेड के लिए खेलते हैं और इंग्लिश प्रीमियर लीग में वह अपनी खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। हाल ही में पुर्तगाल टीम की फॉर्म भी ज्यादा अच्छी नहीं रही है और क्वालीफाईंग दौर में उन्होंने तुर्की और उत्तरी मेसिडोनिया को हराकर टूर्नामेंट में जगह बनाई थी। हाल ही में टीम को नेशंस लीग में स्विट्जरलैंड और स्पेन से भी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। टीम की खराब फॉर्म उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है।

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