अब मुकुंदरा में जल्द सुनाई देगी बाघ टी-104 की दहाड़!
मुकुंदरा में होंगे 3 टाइगर : नवम्बर आखिरी या दिसम्बर के पहले सप्ताह तक कोटा आएगा बाघ
बाघ टी-104 को भले ही रणथम्भौर से जल्द ही विदा करने की तैयारी की जा रही हो लेकिन उसे दरा वन क्षेत्र में बने एनक्लोजर में ही रखा जाएगा। उसे कभी बाहर नहीं छोड़ा जाएगा।
कोटा। बाघ टी-110 के बाद अब रणथम्भौर से जल्द ही एक और टाइगर टी-104 को भी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। बाघ टी-104 को दरा वनक्षेत्र में 12 स्क्वायर किमी में बने सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ टी-104 को रणथम्भौर से मुकुंदरा में शिफ्ट किए जाने की एनटीसीए से स्वीकृति मिल चुकी है। नवम्बर के आखिरी या दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में मुकुदरा में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
एनक्लोजर में ही रखा जाएगा बाघ
बाघ टी-104 को भले ही रणथम्भौर से जल्द ही विदा करने की तैयारी की जा रही हो लेकिन उसे दरा वन क्षेत्र में बने एनक्लोजर में ही रखा जाएगा। उसे कभी बाहर नहीं छोड़ा जाएगा। क्योंकि, इस बाघ को लेकर पूर्व में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इसे खूंखार मानते हुए खुले में छोड़ने से मानव के लिए खतरा बताया जा चुका है। ऐसे में अब बाघ को फिर से खुले जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा। उसे एनक्लोजर ही मेंं रखा जाएगा।
इसलिए की जाएगी शिफ्टिंग
रणथम्भौर में वर्तमान में बाघों के लिए भिड़ में एकमात्र एनक्लोजर है लेकिन वह पिछले तीन सालों से टी-104 के कारण भरा हुआ है। यह एनक्लोजर मात्र एक हैक्टेयर का ही है। जबकि, मुकुंदरा के दरा रेंज में दो एनक्लोजर है। जिसमें पहला 32 स्क्वायर वर्ग किमी का है और दूसरा सॉफ्ट एनक्लोजर करीब 12 स्वायर वर्ग किमी का है। इसे इसी सॉफ्ट एनक्लोजर में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि सॉफ्ट एनक्लोजर को आधा कर छोटा किए जाने की तैयारी है। यह एनक्लोजर लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं। जबकि, रणथम्भौर का एनक्लोजर छोटा होने के कारण इसमें बाघ को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही भिड़ में बाघ टी-104 के एनक्लोजर के नजदीक वाले इलाकों में अन्य बाघ-बाघिनोंं का भी मूवमेंट रहता है। ऐसे में कई बार अन्य बाघ भी एनक्लोजर के समीप आ जाते हैं। जिससे बाघों के बीच टकराव की आशंका बनी रहती है। ऐसे में वन विभाग टी-104 को बड़े एनक्लोजर में शिफ्ट करना चाहता है। ऐसे में इसे मुकुंदरा में शिफ्ट किया जाएगा।
टी-104 तीन लोगों की ले चुका जान
बाघ टी-104 अब तक तीन लोगों की जान ले चुका है। जुलाई 2019 में टी-104 ने पाडली गांव में शौच के लिए गई एक महिला पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद अगस्त व सितम्बर में करौली में दो चरवाहोंं की जान ले ली थी। इसके बाद से ही वन विभाग की ओर से बाघ को एनक्लोजर में ही रखा जा रहा है।
सीसीएफ ने नहीं उठाया फोन
रणथम्भौर का एनक्लोजर छोटा होने के कारण बाघ टी-104 को मुकुंदरा में शिफ्ट किया जाएगा। खबर के संबंध में अधिक जानकारी के लिए सीसीएफ शारदा प्रताप सिंह को फोन व मैसेज किया था लेकिन उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया जबकि खबर पुष्ट है।
टी-136 ट्रैंकुलाइज के बाद 104 के एनक्लोजर में रखा जाएगा
रणथम्भौर से मध्यप्रदेश गया बाघ टी-136 का मूवमेंट मुरैना, दतिया के जंगलों में आबादी क्षेत्र के आसपास बताया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर एमपी वन विभाग की टीम बाघ को ट्रैंकुलाइज कर सकती है। ऐसे में रणथम्भौर से टी-104 की विदाई के बाद एनक्लोजर खाली होने पर बाघ टी-136 को वापस लाने पर विचार किया जा रहा है। यदि टी-136 को वापस लाया गया तो इसे कुछ दिनों के लिए भिड़ वन क्षेत्र में बने एनक्लोजर में रखा जा सकता है हालांकि इस सबके लिए एनटीसीए की अनुमति आवश्यक है।
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