हजारों लाइटें लगाई फिर भी सड़कों पर छाया अंधेरा
कोटा दक्षिण से अधिक लाइटें लगी कोटा उत्तर में
दो साल में दोनों निगम क्षोत्रों में हजारों लाइटें लगाने के बाद भी मुख्य मार्ग हो या गली मौहल्लों में अधिकतर समय अंधेरा ही छाया रहता है। अभी भी कई जगह पर अंधेरा कायम है। कोटा उत्तर निगम में वार्ड कम होने के बाद भी कोटा दक्षिण से अधिक लाइटें लगाई जा चुकी हैं।
कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण द्वारा अपने बोर्ड गठन के दो साल में हजारों लाइटें लगाई जा चुकी हैं। उसके बाद भी अधिकतर सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है। कोटा उत्तर निगम में वार्ड कम होने के बाद भी कोटा दक्षिण से अधिक लाइटें लगाई जा चुकी हैं। नगर निगम कोटा उत्तर में 70 व कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं। व्यवस्था की दृुिष्ट से कोटा दक्षिण का क्षेत्र कोटा उत्तर से काफी बड़ा है। कोटा दक्षिण में वार्ड भी अधिक हैं। लेकिन सुविधाओं के हिसाब से कोटा दक्षिण से अधिक कोटा उत्तर में मिल रही हैं। सफाई कर्मचारियों से लेकर अन्य सुविधाएं कोटा उत्तर निगम में अधिक हैं। कोटा उत्तर में सिर्फ आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन व गैराज की कमी है। उसके अलावा अन्य सुविधाएं कोटा दक्षिण से अधिक हैं। फिर चाहे सफाई कर्मचारियों का मामला हो या लाइटों का।
दक्षिण में 38 सौ व उत्तर में 54 सौ लाइटें लगाई
नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण के वार्डों में लगाई गई एलईडी लाइटों के मामले में भी कोटा उत्तर निगम आगे है। नगर निगम बोर्ड का गठन हुए दो साल हो गए हैं। इन दो साल में नगर निगम कोटा उत्तर द्वारा जहां अपने 70 वार्डों में बिजली के 591 खम्बे और 5440 एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। जबकि कोटा दक्षिण के 80 वार्डों में इसी अवधि में बिजली के 202 खम्बे और 3807 एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। हालत यह है कि दो साल में दोनों निगम क्षोत्रों में हजारों लाइटें लगाने के बाद भी मुख्य मार्ग हो या गली मौहल्लों में अधिकतर समय अंधेरा ही छाया रहता है। अभी भी कई जगह पर अंधेरा कायम है।
बोर्ड बैठक में पार्षदों ने की थी डिमांड
नगर निगम का बोर्ड गठन होने के बाद जितनी बार भी बोर्ड की बैठकें हुई हैं। उन बैठक में अधिकतर पार्षद अपने-अपने वार्डों में जरूरत के हिसाब से रोड लाइटें लगाने की मांग करते रहे हैं। जबकि निगम अधिकािरयों का कहना है कि व्यवस्था की दृष्टि से सभी को समान रूप से लाइटों का वितरण किया जाएगा। शुरुआत में तो सभी पार्षदों को उनके वार्डों के लिए मात्र 5-5 लाइटें ही दी गई थी। जिनका पार्षदों ने विरोध भी किया था। भाजपा पार्षद नरेश शर्मा का कहना था कि उनका वार्ड बड़ा है। ऐसे में उन्हें अधिक लाइटों की जरूरत है। पार्षद जितेन्द्र सिंह और रामबाबू सोनी समेत कई पार्षद उनके वार्डों में जरूरत के हिसाब से लाइटें देनी की मांग कर चुके हैं।
बिजली चोरी रोकथाम के प्रयास भी अधिक
नगर निगम कोटा दक्षिण की तुलना में कोटा उत्तर निगम में दो सालमें बिजली चोरी की रोकथाम के प्रयास अधिक किए गए। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोटा दक्षिण निगम द्वारा दो साल में बिजली चोरी की रोकथाम के लिए 18.55 किमी. की आमर्ड केबल डाली गई। जबकि कोटा उत्तर निगम द्वारा इसी अवधि में 74.29 किमी. आमर्ड केबल डाली गई।
सबमर्सिबल मोटर पम्प भी अधिक
नगर निगम के विद्युत अनुभाग द्वारा आमजन को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में भी काम किया गया। कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में जहां दो साल में 41 सब मर्सिबल मोटर पम्प लगाए ेगए। वहीं कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में इस अवधि में कुल 36 सब मर्सिबल मोटर पम्प लगाए गए।
इनका कहना है
नगर निगम बोर्ड गठन के बाद से ही हर वार्ड में काम करवाए जा रहे हैं। चाहे साफ सफाई के हो या रोशनी संबंधी। कोटा दक्षिण निगम द्वारा दो साल में 202 खम्बे व 3807 एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। अभी तक पार्षदों ने जिनती जरुरत बताई थी। उसके हिसाब से लगाई है। यदि डिमांड आएगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा।
-राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण
कोटा उत्तर में बोर्ड गठन के बाद से ही वार्डों में सभी तरह के काम पार्षदों की डिमांड पर करवाए जा रहे हैं। रोशनी के लिए जितनी भी लाइटों की डिमांड की गई उसके हिसाब से लगवाई गई हैं। प्रयास है कि सभी वार्डों में समान रूप से लाइटें लगे। अभी तक 5440 एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी है। जरूरत होने पर और भी लाइटें लगाई जाएंगी।
-मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर
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