कांग्रेस ने देश में न्याय प्रणाली के आकलन पर दिया बल
कांग्रेस ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित करोड़ों मामलों को देखते हुए देश में न्याय प्रणाली के आकलन पर बल दिया।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित करोड़ों मामलों को देखते हुए देश में न्याय प्रणाली के आकलन पर बल दिया। कांग्रेस ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में गंभीर प्रयास किये जाने चाहिए। कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने राज्यसभा में उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि भारत में विभिन्न स्तरों पर न्यायालयों में करोड़ों मामले लंबित है। देश में न्याय बहुत महंगा है और लाखों लोग न्याय तक पहुंचते ही नहीं है। इसके बावजूद लोगों को न्यायपालिका पर बहुत विश्वास है और सभी ओर से निराश होने के बाद लोग न्यायालयों का रुख करते है।
उन्होंने कहा कि देश में न्याय प्रणाली का आकलन किया जाना चाहिए और लोगों के लिए निर्णय की नहीं, बल्कि न्याय की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने में देरी होना, न्याय नहीं मिलना है। उन्होंने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति में छूट दी जानी चाहिए और उनके अनुभव एवं न्याय करने की क्षमता को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम न्यायालय की परिकल्पना की थी। इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को न्याय तेजी से मिलेगा और लंबित मामलों की संख्या में कमी आयेगी। याज्ञनिक ने कहा कि देश में सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय की प्रक्रिया भी तेज करनी चाहिए। सामाजिक और आर्थिक न्याय होने से न्यायालयों में मुकदमों की संख्या में कमी लायी जा सकती है।
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