सतरंगी सियासत

गुजरात के तमाम चुनावी सर्वे भाजपा को कांग्रेस के मुकबले बढ़त बता रहे

सतरंगी सियासत

भाजपा विधानसभा चुनाव तक आम जनता एवं पार्टी कार्यकतार्ओं को मोबलाइज करने जा रही। इसके लिए पूरा विस्तृत कार्यक्रम तैयार। उसी के अनुसार काम शुरू हो चुका। वहीं, कांग्रेस में बहुत कुछ होना बाकी।

यात्रा तक शांति!
तो राहुल गांधी ने राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी होने तक शांति का इंतजाम कर दिया। दोनों ही पक्षों को संतुष्ट करने की कोशिश करते हुए कहा, पार्टी को दोनों नेताओं की ही जरूरत। लेकिन सीएम गहलोत तो अपना मत एकदम स्पष्ट कर चुके। वहीं, दूसरी ओर मल्लिकार्जुन खड़गे भी कह चुके। गहलोत अनुभवी और पार्टी के वरिष्ठ नेता। हां, सीएम गहलोत को उनके द्वारा प्रयोग किए गए शब्दों की ओर जरुर ध्यान दिलाया गया। असल में, कई की धड़कनें तेज हो रहीं। न कुछ करने के और न कुछ बोलने के। आखिर धैर्य और इंतजार भी कहां तक किया जाए? फिर यह भी स्पष्ट। राजस्थान पंजाब नहीं। राजनीति इसी को कहते। कब कौन बाजी पलट दे और कौन कब कौनसी चाल चल दे! कहा नहीं जा सकता। लेकिन पूरी यात्रा में शांति बनी रहे। इसका जरुर इंतजाम करने की कोशिश!

भाजपा की भी यात्रा!
राजस्थान में विपक्षी भाजपा भी जनाक्रोश यात्रा शुरू कर दी। जबकि इसी समय राहुल गांधी भी मरूधरा में प्रवेश करने जा रहे। सो, तुलना तो होगी ही! भाजपा विधानसभा चुनाव तक आम जनता एवं पार्टी कार्यकतार्ओं को मोबलाइज करने जा रही। इसके लिए पूरा विस्तृत कार्यक्रम तैयार। उसी के अनुसार काम शुरू हो चुका। वहीं, कांग्रेस में बहुत कुछ होना बाकी। ऐसा लग रहा। इसी बीच, दिल्ली में संसद का मानसून सत्र। तो राज्य की कांग्रेस सरकार भी बजट सत्र की तैयारी शुरू कर चुकी। माना जा रहा। यह बजट चुनावी होगा। मतलब लोलुभावन बातों की भरमार होगी। सभी को संतुष्ट करने की कोशिश होगी। तो भाजपा सवाल करने को आतुर। अभी तक क्या किया? जो अब घोषणाओं नौबत। इस बीच, जनता का रेस्पांस भी मैदान में बता देगा। उसके गले कांग्रेस या भाजपा में से किसकी बात गले उतर रही!

गुजरात के अनुमान!
गुजरात के तमाम चुनावी सर्वे भाजपा को कांग्रेस के मुकबले बढ़त बता रहे। लेकिन इसका देश ही नहीं, राजस्थान की राजनीति पर भी पड़ने जा रहा। प्रदेश भाजपा की जनक्रोश यात्रा आरंभ हो चुकी। इसके रथों पर पीएम नरेन्द्र मोदी एवं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के फोटो होने से खासी चर्चा। बाद में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एवं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के भी फोटो चस्पा किए गए। लेकिन बात गुजरात चुनाव की और इसके परिणाम के असर की। जानकारों का अनुमान। यदि भाजपा 125 सीटों से आगे निकल गई। तो कनार्टक में भी भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी। फिलहाल यहां कांग्रेस की बढ़त बताई जा रही। लेकिन राजस्थान में वही होगा। जो शीर्ष भाजपा नेतृत्व चाहेगा। किसी को समझ आए तो ठीक। नहीं समझ आए तो भी ठीक। क्योंकि उसका लक्ष्य 2023 नहीं। बल्कि 2024 के आम चुनाव।

सियासी कयास!
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा। इसी बीच, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम आएंगे। फिर दिल्ली नगर निगम कहां पीछे छूटने वाला। इसके परिणाम के अलग मायने होंगे। अगले साल बजट सत्र के दौरान ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव। लेकिन जानकार अनुमान लगा रहे। बजट सत्र के बीच पीएम मोदी एक बार अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल करेंगे! क्योंकि तब तक सरकार के कार्यकाल का करीब एक साल ही समय शेष रहेगा। ऐसे में राजस्थान समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए बेहतर संतुलन साधने की कवायद में मंत्रियों को इधर-उधर किया जाएगा। यानी सरकार से संगठन और संगठन से सरकार में नेताओं को फेंटा जाएगा। फिर जिन राज्यों में चुनाव। वहां का मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व बढ़ाए जाने की संभावना। फिर पीएम नरेन्द्र मोदी की वह टीम ही साल 2024 के आम चुनाव के मैदान में उतरेगी।

भव्यता जी-20 की!
दुनियां के विकसित एवं किासशील देशों के समूह ह्यजी-20ह्ण का अगला शिखर सम्मेलन भारत में हो ने जा रहा। अब तो इसका अगुवा भी भारत ही। सो, देशभर में आयोजन की तैयारियां भी उसी के अनुरुप चल रहीं। साथ में, जश्न की तैयारी भी। लेकिन विपक्षी कांग्रेस को इसमें नुक्स नजर आ रही। पार्टी ने इसे ह्यइवेंट मैनेजमेंटह्ण से जोड़ दिया। साथ में, इसे सरकार का ड्रामा भी बताया। जी-20 के दौरान देश के 15 राज्य, 20 शहर और 200 बैठकें एवं अन्य आयोजन होंगे। मतलब ह्यब्रांड इंडियाह्ण और साथ में ह्यब्रांड मोदीह्ण का भी मामला। भारत सुपर पावर बनने की ओर अग्रसर! ऐसा दावा किया जा रहा। और दुनियां को आभास भी हो रहा। ऐसे में भारत में जी-20 का भव्य आयोजन, इसमें चार चांद लगाएगा। भारत दुनियां की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर। तो कोई अनसुना कैसे कर देगा?

खिचड़ी पकेगी?
महाराष्ट्र की राजधानी मायानगरी मुंबई में बीएमसी का चुनाव बहुप्रतिक्षित। जिसमें भाजपा एवं शिवसेना की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। वैसे मैदान में तो कांग्रेस एवं एनसीपी भी होंगी। वहीं, शिवसेना के शिंदे गुट एवं राज ठाकरे की मनसे की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। माना जा रहा। तमाम उलझनों के बावजूद महाविकास अघाड़ी यानी शिवसेना, कांग्रेस एवं एनसीपी का गठबंधन बना रहेगा। जबकि भाजपा एवं शिंदे गुट का साथ आना स्वाभाविक। लेकिन राज ठाकरे क्या पोजीशन लेंगे? फिलहाल स्पष्ट नहीं। हां, उनका भाजपा के बजाए अलग से शिंदे गुट के साथ गठजोड़ की संभावना। क्योंकि बीएमसी चुनाव में भाजपा एवं शिंदे गुट, राज ठाकरे की महत्ता एवं उपयोगिता को नकार नहीं सकते। लेकिन सवाल दोनों ही गठबंधनों में सियासी खिचड़ी पकने की। क्योंकि शिवसेना के लिए यह मानो अस्तित्व का चुनाव! वहीं, भाजपा के लिए उद्धव ठाकरे को एक और पटखनी देने का अवसर।    

-दिल्ली डेस्क 

Tags: Politics

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