रिजर्व बैंक ने रेपो दर में की बढ़ोतरी
हर तरह का ऋण महंगा हो जाएगा
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक में बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास अनुमान को कम करते हुए महंगाई में कमी आने की उम्मीद के बीच रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की, जिससे आवास और कार के साथ ही हर तरह का ऋण महंगा हो जाएगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति की 3 दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक में बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया। दास ने कहा कि समिति ने रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
मौद्रिक नीति की मुख्य बातें
- रेपो दर 0.35 प्रतिशत बढ़कर 6.25 प्रतिशत हुई।
- मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 6.50 प्रतिशत।
- स्टैंडिंग डिपोजिट फैसिलिटी दर बढ़कर 6.00 प्रतिशत।
- वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास दर अनुमान 7.0 प्रतिशत से कम कर 6.8 प्रतिशत।
- वित्त वर्ष में विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई अनुमान 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- अगले वित्त वर्ष में इसके 5.0 प्रतिशत पर आने का अनुमान।
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