खुले में सर्दी से मौत पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होगी तय
22 से 24 दिसम्बर तक चलाए विशेष अभियान
जयपुर। शहर के रैन बसेरों का सर्द रात में स्याह सच खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। राज्य विधि सेवा प्राधिकरण ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर कहा है कि खुले में सर्दी लगने के कारण किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो इसके लिए संबंधित निकाय या प्राधिकृत अधिकारी को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। इसके साथ ही प्राधिकरण ने बुधवार से तीन दिवसीय अभियान चलाकर खुले में रहने को मजबूर लोगों को तत्काल रैन बसेरों में कोविड प्रोटोकॉल के नियमों की पालना करते हुए पहुंचाना सुनिश्चित करने को कहा है।
दैनिक नवज्योति में 19 दिसम्बर को ‘सर्द रात का स्याह सच : पांच डिग्री में खुले आसमां के नीचे सोने को मजबूर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद प्राधिकरण की ओर से मुख्य सचिव निरंजन आर्य को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदेश के सभी कलेक्टर, स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग, नगर निगम और चिकित्सा विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी करें। इसके अलावा ये सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के निर्देशन में एक कार्य योजना तैयार कर 22 से 24 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाए। शाम छह से रात दस बजे तक प्राधिकरण की मुख्य भूमिका में पर्याप्त संख्या में पुलिस, पैरा लीगल वॉलियंटर्स, समाजसेवी और एनजीओ आदि दल बनाकर खुले में रहने को मजबूर गरीब व असहाय व्यक्तियों की पहचान करें और उन्हें तत्काल निकटतम रैन बसेरों में पहुंचाना सुनिश्चित करें।
रियायती दर पर भोजन की हो व्यवस्था
प्राधिकरण ने कहा है कि संबंधित अधिकारी रैन बसेरे या आश्रय स्थल में रह रहे व्यक्ति को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी देते हुए उन्हें नि:शुल्क या रियायती दर पर भोजन सहित रैन बसेरे में आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करें। इसके साथ ही महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग रैन बसेरे खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
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