टीकाकरण को लेकर बयानबाजी तेज : मोदी ने कहा -"टीकाकरण में पिछड़ रहे राज्यों के नेतृत्व को जनता के स्वास्थ्य की परवाह नहीं": चिदम्बरम का कहना - "बूस्टर डोज का भ्रम दूर होना जरूरी"

टीकाकरण को लेकर बयानबाजी तेज : मोदी ने कहा -

''डबल इंजन सरकार हिमाचल प्रदेश में विकास के कामों को तेजी से जनता तक पहुंचा रही है - मोदी

मंडी/ नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे है, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते केस तीसरी लहर की आशंका की ओर इशारा कर रहे है। लेकिन बढ़ते कोरोना केसों के बीच टीकाकरण को लेकर सियासी बयानबाजी भी सर्द माहौल में सियासी गर्मी बढ़ा रही है। दरअसल एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे राज्यों की  सोमवार को तीखी आलोचना की जो कोविड टीकाकरण अभियान में पीछे हैं। उन्होंने ऐसे राज्यों के नेतृत्व को 'स्वार्थ और विलंब' की विचारधारा से प्रेरित करार देते हुए कहा कि उन्हें जनता के स्वास्थ्य की चिंता से ज्यादा अपनी और अपने परिवार की परवाह रहती है।

प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए 15 से 18 वर्ष के आयु के बच्चों को तीन जनवरी से कोविड टीका लगाने और 10 जनवरी से स्वास्थकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को टीके की अतिरिक्त खुराक देने के फैसले का जिक्र करते हुये कहा कि इससे लोगों की स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने हिमाचल प्रदेश में 11000 करोड़ रुपये की विभिन्न पनबिजली परियोजनाओं का रिमोट कंट्रोल से उद्घाटन एवंं शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''हमारे देश में आज सरकार चलाने के दो अलग मॉडल काम कर रहे हैं। एक मॉडल- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का हमारा मॉडल है। दूसरा मॉडल- खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ और परिवार का विकास वाला मॉडल है।"

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले मॉडल पर चल रही सरकार ने अपना पूरा ध्यान लोगों के विकास और एक-एक आदमी को टीका लगाने पर केंद्रित किया है।  उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी वयस्क लोगों को कोविड टीके की पहली और दूसरी खुराक लग चुकी है। उन्होंने कहा, ''यह पहले मॉडल पर चलने वाली सरकार का लोगों के प्रति दायित्व का एहसास कराती है जिसमें दूर-दराज के इलाकों में जाकर लोगों को टीके लगवाएं ।"

 मोदी ने इसी संदर्भ में टीकाकरण में पीछे चल रहे राज्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन राज्यों का नेतृत्व काम के दूसरे मॉडल का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा,'' उन राज्यों का वैक्सीन का रिकॉर्ड इस बात का गवाह है कि उन्हें अपने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की ङ्क्षचता नहीं है।" 

सभा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और हिमाचल  प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस बात का विशेष रूप का जिक्र किया कि हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है, जिसने अपने सभी वयस्क प्रदेशवासियों को कोविड टीके की पहली और दूसरी खुराक लगाने का लक्ष्य हासिल किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं लेकिन हमारे देश के लोग स्पष्ट रूप से दो विचारधाराओं को पहचानने लगे हैं, जिनमें एक 'विलंब की और दूसरी विकास की' है। मोदी ने कहा कि विलंब की विचारधारा का ही परिणाम है कि रोहतांग के लिए अटल टनल के निर्माण में वर्षों का और रेणुका जी पनबिजली परियोजना में तीन दशक का विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि विकास की हमारी विचारधारा ने विकास की लंबित परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया है।

उन्होंने कहा, ''डबल इंजन सरकार हिमाचल प्रदेश में विकास के कामों को तेजी से जनता तक पहुंचा रही है।" डबल इंजन सरकार में केंद्र का इंजन परियोजनाओं को शुरू करता है और राज्य सरकार का दूसरा इंजन उसको विस्तार देता है। मोदी ने इससे पहले राज्य में एक निवेशक सम्मेलन में भी भाग लिया जिसमें 28000 करोड़ रुपये से अधिक की औद्योगिक परियोजनाओं की औपचारिक रूप से शुरुआत की।

बूस्टर डोज का भ्रम दूर होना जरूरी : चिदम्बरम

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता था पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदमबरम ने कहा है कि हमारे यहां कोरोना महामारी से निपटने के लिए बूस्टर डोज कौन सा होगा इस संबंध में जारी असमंजस की स्थिति को दूर करना आवश्यक है। चिदम्बरम का यह बयान देश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन जनवरी से देश के वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाने के एलान के बाद आया है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम टूटना चाहिए कि कोविशील्ड का यह टीका अगला टीका होगा या बूस्टर डोज होगा।      

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा ''बूस्टर डोज का प्रस्ताव असमंजस में है। कोविशील्ड का कौन सा टीका बूस्टर डोज होगा। उम्मीद है कि यह कोविशील्ड की एक और खुराक नहीं होगी।"

उन्होंने कहा कि इस सच से रूबरू होना भी जरूरी है भले ही सरकार इस सच्चाई को सामने लाने को तैयार नहीं हो। तय है कि 31 दिसंबर तक सभी 94 करोड़ वयस्कों को टीकाकरण की पहली खुराक नहीं मिलेगी और इस तरह से देश सौ फीसदी कोविड टीकारण हासिल नहीं कर सकेगा और देश की बहुत बड़ी आबादी को इस साल के आखिर तक टीकाकरण की दूसरी खुराक नहीं मिल सकेगी।

 चिदम्बरम ने फाइजर तथा मॉडर्ना की आपूर्ति नहीं किए जाने को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा देश को आज समय पर टीके का ऑर्डर नहीं देने, भुगतान में देरी, फाइजर एंड मॉडर्ना को लाइसेंस न देने और टीके के पर्याप्त उत्पादन तथा आपूर्ति नहीं होने का खामियाजा भुगत रहे हैं।

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