नहीं टलेंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव!
जनवरी में जारी हो सकती हैं अधिसूचना
नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। विशेषज्ञ कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना भी जता रहे हैं। इन सब के बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को नहीं टालने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि जिन राज्यों में वैक्सीनेशन कम है, वहां गति में इजाफा किया जाए।
चुनाव आयोग के रुख के अनुसार, चुनावों के स्थगन की संभावना बहुत कम है। अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव टालने से कई तरह के बड़े निर्णय लेने होंगे। जैसे, जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है, वहां राष्टÑपति शासन लगाना होगा। वहीं सारी तैयारियां भी नए सिरे से करनी होंगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कितना टीकाकरण हुआ
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अजय भल्ला ने चुनाव आयोग को बताया कि किस राज्य में कितना टीकाकरण हुआ है। उत्तराखंड और गोवा में करीब सौ फीसदी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने वाली है। इसके अलावा यूपी में 85 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। पंजाब और मणिपुर में यह दर 80 फीसदी है।
रैलियों पर लग सकती है रोक
चुनाव आयोग अपने शेड्यूल पर टिका रहना चाहता है। आयोग ने चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन केसेज का आंकड़ा भी मांगा है। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव के पहले राज्यों के हालात को समझ कर इसका फैसला किया जाएगा। चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर एहतियातन कड़े कदम उठा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के साथ जनवरी में भी बैठक करेगा आयोग
चुनाव आयोग स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ जनवरी में एक और बैठक करेगा, इसके बाद तय किया जाएगा कि चुनाव कराए जाएं या फिर उन्हें स्थगित कर दिया जाए। चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के दौरान अधिकारियों ने यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
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