प्रदेश में पहली बार हो रही है बजट की ब्रांडिंग

इस बार भी करों में राहत देंगे

प्रदेश में पहली बार हो रही है बजट की ब्रांडिंग

सोशल मीडिया पर इस पोस्टर की धूम मची है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दस फरवरी को अपनी इस सरकार का अंतिम और पांचवां बजट पेश करेंगे। मुख्यमंत्री के तीन कार्यकालों में यह दसवां बजट होगा, जिसे वे पेश करेंगे।

जयपुर। प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार अपने बजट की ब्रांडिंग कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ब्रांडिंग करवा रहे हैं। जयपुर शहर में जगह-जगह होर्डिंग-पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर मुख्यमंत्री की फोटो के साथ तीन शब्द बचत-राहत-बढ़त शब्द लिखे हुए हैं। सोशल मीडिया पर इस पोस्टर की धूम मची है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दस फरवरी को अपनी इस सरकार का अंतिम और पांचवां बजट पेश करेंगे। मुख्यमंत्री के तीन कार्यकालों में यह दसवां बजट होगा, जिसे वे पेश करेंगे। चुनावी साल में पेश किए जाने वाले इस बजट से गहलोत प्रदेश की जनता को बड़ी राहत देने के मूड में हैं। वे इस बार भी करों में राहत देंगे। यानी कि कोई नया कर नहीं लगाएंगे। गहलोत का यह बजट युवाओं को समर्पित होगा। इस बजट को लेकर मुख्यमंत्री भी काफी उत्साहित है। चूंकि राजस्थान सरकार की निजी आय में भी 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय भी पिछले 3 सालों में करीब 26.81 प्रतिशत बढ़ी है, जो रुपयों में करीब 3 लाख रुपए प्रति व्यक्ति होती है। राज्य की विकास दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ये ही गति रही तो इस बार जुलाई में राजस्थान की विकास दर 14 प्रतिशत रह सकती है। 

अब तक का सबसे बड़ा होगा बजट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को जो बजट पेश करेंगे वह राजस्थान के इतिहास का सबसे बड़ा बजट होगा। ये बजट करीब 2 लाख 65 हजार करोड़ रुपए का होगा। मुख्यमंत्री ने अपना पिछला बजट जो मार्च 2022 में पेश किया था वो भी 2 लाख 15 हजार करोड़ के लगभग का था। पिछले साल सरकार ने तय बजट से करीब 23 हजार करोड़ रुपए ज्यादा खर्च किए थे। ये 23 हजार करोड़ रुपए उधार लिए गए थे।

गहलोत सरकार के पिछले 4 बजट
प्रदेश में दिसंबर 2018 में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद साल 2019-20 का पहला बजट पेश किया था, जो करीब 1 लाख 91 हजार करोड़ रुपए का था। गहलोत सरकार का दूसरा बजट 2020-21 कोरोना काल में पेश किया गया था। उसमें स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया था। वर्ष 2020-21 का बजट कोरोना काल में आमदनी की कमी को ध्यान में रखते हुए 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपए का था। इसके बाद 2021-22 का बजट करीब 2 लाख 80 हजार करोड़ का था और वर्ष 2022-23 का बजट 2 लाख 15 हजार करोड़ का था।  

 

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