देशभर में कपड़ा व्यापारियों को बड़ी राहत, कपड़ों पर GST 5% ही रहेगी, कपड़ों पर GST 12% नहीं होगी

देशभर में कपड़ा व्यापारियों को बड़ी राहत,  कपड़ों पर GST 5% ही रहेगी,  कपड़ों पर GST 12% नहीं होगी

कोविड को देखते हुए कपड़ा और जूते पर जी.एस.टी. की दर नहीं बढ़ाई जावे -डा. सुभाष गर्ग, मंत्री

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने व्यापारियों को न्य ईयर गिफ्ट दिया है। देशभर में कपड़ा व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए कपड़ों पर GST 5% ही रहेगी, मोदी सरकार कपड़ों पर GST 12% नहीं करेंगी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने कपड़ों पर कर की दर को पहली  जनवरी 2022 से पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के अपने पहले के  निर्णय को शुक्रवार को स्थगित कर दिया। इस निर्णय से कपड़ों पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत बनी रहेगी। वित्त  मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की राजधानी में हुई 46वीं बैठक के  निर्णय की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि कपड़े पर जीएसटी की दर पर  यथास्थिति बनाये रखने का फैसला किया गया है।


 उन्होंने कहा कि कपड़ा  क्षेत्र पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला पूरी चर्चा के बाद किया गया था जिसका  उद्देश्य कपड़ा उत्पादों पर शुल्क के उल्टे ढ़ांचों को ठीक करना था, जिसमें  कच्चे या मध्यवर्ती माल पर कर की दर तैयार माल से अधिक होती हैं।
वित्त  मंत्री ने कहा, ''आज भी सभी लोग मानते हैं कि कपड़ों पर उल्टे शुल्क  ढ़ांचे को ठीक करने की जरूरत है।''

 उन्होंने आज के फैसले के औचित्य के बारे  में पूछे जाने पर कहा कि उद्योग संगठनों का कहना था कि जीएसटी की दर पांच  से बढ़ाकर 12 फीसदी करने से इकाइयां असंगठित क्षेत्र में प्रवृत्त होंगी और  कुछ एक सस्ते टेक्सटाइल उत्पादों के दाम बढ़ जायेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि अन्य क्षेत्र के मुकाबले कपड़ा क्षेत्र पर कर ढांचे का ताना-बाना बहुत जटिल होता है।

कोविड को देखते हुए कपड़ा और जूते पर जी.एस.टी. की दर नहीं बढ़ाई जावे -डा. सुभाष गर्ग, मंत्री
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में राजस्थान की तरफ से तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने राज्य का पक्ष रखते हुए जीएसटी काउंसिल चेयरपर्सन एवं वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि कोरोना महामारी में ओमीक्रोन के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए एवं अर्थव्यवस्था की गिरती हुई हालात से राज्यों के राजस्व पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है इसलिए कोविड के प्रभाव से बाहर आने तक  जीएसटी की दरों में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जावे।

उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल के पूर्व निर्णयानुसार 1 जनवरी 2022 से कपड़ा एवं रेडिमेड गारमेंट्स जो 1000रुपए से कम लागत वाले आइटम और 1000रुपए से कम लागत वाले फुटवियर पर जीएसटी दर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत प्रस्तावित थी जिसे आगामी 2 वर्ष तक स्थगित रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल व्यापारियों की मांग अनुसार जीएसटी दर 2 वर्ष तक नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव राजस्थान सरकार की तरफ से प्रभावी तरीके से जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा। श्री सुभाष गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने समय-समय पर जीएसटी की दरें नहीं बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करते रहे हैं। काउंसिल की बैठक में डॉ गर्ग ने कहा कि राजस्थान को मिलने वाले जीएसटी कंपनसेटरी सेस 7433 करोड रुपए का तत्काल भुगतान किया जावे ,साथ ही उन्होंने मांग रखी कि जीएसटी कंपनसेटरी सेस भुगतान अवधि जुलाई 2022 से 5 साल बढ़ाकर जुलाई 2027 तक की जावे। राज्य सरकार की सभी मांगों पर केंद्रीय वित्त मंत्री एवं जीएसटी काउंसिल के चेयरपर्सन निर्मला सीतारमण ने सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था।  बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया  राजस्थान की तरफ से वित्त सचिव (राजस्व) टी. रविकांत और मुख्य आयुक्त (राज्यकर) रवि जैन भी उपस्थित थे।

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